
नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना का प्रशिक्षण अभ्यास ‘त्रिशूल’ चीन और पाकिस्तान सीमा के पास शुरू हो गया है. वायु सेना के सबसे बड़े पश्चिमी वायु कमांड का यह सालाना अभ्यास 14 सितंबर तक होगा. यह अभ्यास जम्मू कश्मीर के लद्दाख, हिमाचल और पंजाब के इलाकों में होना है.
इस अभ्यास में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में वायुसेना के एयरकाफ्ट अपनी तैयारियों का निरीक्षण करेंगे. वायु सेना के साथ-साथ आर्मी भी त्रिशूल अभ्यास का हिस्सा है. वायु सेना के त्रिशूल अभ्यास में हिस्सा ले रहे विमान जम्मू कश्मीर सीमा से लगे हुए लंगेरा, चुराह, सतरूंडी, मंगली, महलनाग क्षेत्रों लड़ाकू विमान उड़ रहे हैं.
चीन और पाकिस्तान की सीमा पर उत्तरी क्षेत्र में आयोजित इस अभ्यास में राफेल, मिराज 2,000 समेत लड़ाकू विमानों के साथ चिनूक, अपाचे और भारी-लिफ्ट परिवहन विमान शामिल हैं. इसके साथ ही हेलिकाप्टर्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. गरुड़ विशेष बल भी इस अभ्यास का हिस्सा है. भारत में आयोजित जी-20 से पहले हो रहे इस प्रशिक्षण अभ्यास को लेकर सेनाओं का कहना है कि यह एक सामान्य और पूर्व नियोजित कार्यक्रम है.
बताया जा रहा है कि, त्रिशूल युद्धाभ्यास की प्रक्रिया रविवार देर रात से ही शुरू हो गई थी और 4 सितंबर से इसे आधिकारिक तौर पर शुरू किया गया. युद्धाभ्यास भारत की उत्तरी सीमा पर 1,400 किलोमीटर के क्षेत्र में किया जा रहा है. इसमें पंजाब सहित जम्मू कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के इलाके भी शामिल हैं. त्रिशूल अभ्यास के अंतर्गत भारतीय वायुसेना के जवान 14 सितंबर तक युद्ध की सभी बारीकियों का अभ्यास करेंगे.
दरअसल इन दिनों चीन और पाकिस्तान भी एक संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं. इसे ‘शाहीन एक्स’ संयुक्त वायु सेना अभ्यास नाम दिया गया है. चीन और पाकिस्तान का यह संयुक्त वायु सेना प्रशिक्षण अभ्यास अगस्त के अंत में शुरू हुआ था और सितंबर के मध्य तक जारी रहेगा. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का त्रिशूल अभ्यास चीन और पाकिस्तान की ओर से शुरू किए गए ‘शाहीन एक्स संयुक्त अभ्यास’ का जवाब है.
चीन और पाकिस्तान से लगती सीमा पर भारतीय वायु सेना का यह बड़ा अभ्यास है. इस अभ्यास में वायुसेना के लड़ाकू विमान रफाल, सुखोई, मिग-29, जगुवार, मिराज 2000 और तेजस सीमा पर गरजेंगे. इनके अलावा वायुसेना के ट्रांसपोर्ट विमान सी 130 और सी 17 के साथ-साथ अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे और चिनूक भी अपनी शक्ति और तकनीक का प्रदर्शन करेंगे.