
नई दिल्ली : पिछले साल सितंबर 2022 में महंगाई भत्ते में सरकार द्वारा बढ़ोतरी की गई थी. केंद्रीय कर्मचारी 18 महीने के महंगाई भत्ता मिलने की आस लगाकर बैठे हुए थे. लेकिन सरकार की ओर से मायूसी हाथ लगी है.
मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को झटका दिया है. कोरोना महामारी के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों का रोका गया 18 महीनों का महंगाई भत्ता या डीए नहीं दिया जाएगा. सदन में एक लिखित प्रश्न के जवाब में मोदी सरकार ने यह जानकारी दी.
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लिखित में जवाब देते हुए कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की तीन किस्तों का बकाया दिए जाने की कोई योजना नहीं है. सरकार का कहना है कि इससे सरकार के 34,402.32 करोड़ रुपये बचें जिसका प्रयोग महामारी से उबरने में किया गया.
बता दें कि मौजूदा समय में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 38 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है.
पिछले साल सितंबर 2022 में महंगाई भत्ते में सरकारी द्वारा बढ़ोतरी की गई थी. केंद्रीय कर्मचारियों 18 महीने के महंगाई भत्ता मिलने की आस लगाकर बैठे हुए थे. लेकिन सरकार की ओर से मायूसी हाथ लगी है. सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभागियों को महंगाई भत्ता न देने का फैसला करके बड़ा झटका दिया है. हालांकि कर्मचारी यूनियन सरकार से 18 महीने के डीए की मांग लगातार करते रहे हैं. उनकी दलील है कि महंगाई भत्ता नहीं बढ़ाने के बावजूद कोरोनाकाल के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते रहे हैं.