
पुलिस ने नाबालिग समेत तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर भेजा जेल
रायगढ़- घरघोड़ा थाना क्षेत्र के बरपाली गांव में 24 सितंबर को युवक बलराम सारथी की हत्या के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है. घरघोड़ा पुलिस ने मृतक के ससुर रामस्वरूप सारथी, गांव के युवक देवनंदन राठिया और एक नाबालिग को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से हत्या में प्रयुक्त धारदार टांगी और डंडा भी जब्त किया गया है.
जानकारी के अनुसार मृतक बलराम सारथी 28 साल निवासी गाला पत्थलगांव का अपनी पत्नी हेमलता सारथी से विवाद चल रहा था. परिजनों ने हेमलता को उसके बच्चों सहित मायके बरपाली ले आये. इसी बीच बलराम भी 21 सितंबर को ससुराल पहुंच गया. 24 सितंबर को गांव में हड़कंप मच गया जब बरपाली निवासी पंचराम राठिया के घर की परछी में बलराम लहूलुहान हालत में मृत पाया गया. अज्ञात आरोपियों द्वारा सिर और चेहरे पर धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या की गई थी. घटना को लेकर मर्ग एवं अपराध क्रमांक क्रमांक 257/2025 धारा 103(1) बी.एन.एस. कायम कर जांच में लिया गया.
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्धांत तिवारी के सुपरविजन और थाना प्रभारी तमनार कमला पुसाम ठाकुर के नेतृत्व में घरघोड़ा पुलिस की टीम गठित की. गवाहों से पूछताछ फॉरेंसिक और डॉग स्क्वॉड की जांच में मृतक के ससुर रामस्वरूप पर शक की पुष्टि हुई. संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें सामने आया कि रामस्वरूप ने अपनी बेटी से मारपीट करने की रंजिश के चलते योजना बनाकर हत्या करवाई. उसने देवनंदन राठिया और नाबालिग को साथ लेकर बलराम को घर बुलाया और डंडा व टांगी से हमला कर उसकी जान ले ली. बाद में साक्ष्य छिपाने की नीयत से खून के धब्बे भी धोए गए.
आरोपियों के मेमोरंडम पर टांगी और बांस का डंडा बरामद किया गया. आरोपियों के खिलाफ धारा 49, 238, 3(5) बीएनएस जोड़ी गई है. मुख्य आरोपी रामस्वरूप सारथी और देवनंदन राठिया को 26 सितंबर को गिरफ्तार कर रिमांड उपरांत जेल भेजा गया है, वहीं नाबालिग को बाल न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया.
गिरफ्तार आरोपित
(1) रामस्वरूप सारथी पिता स्व. मदन सारथी उम्र 56 वर्ष
(2) देवनंदन राठिया पिता पंचराम राठिया उम्र 21 वर्ष
(3) विधि के साथ संघर्षरत बालक
एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्धांत तिवारी के सुपरविजन में हत्या कांड का शीघ्र पर्दाफाश करने में सहायक उप निरीक्षक खेमराज पटेल, प्रधान आरक्षक पारसमणी बेहरा, आरक्षक हरीश पटेल, उधो पटेल और प्रहलाद भगत की महत्वपूर्ण भूमिका रही.