
दुर्ग : कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा में पोषण वाटिका में रंगीन फूलगोभी एवं ब्रोकली की खेती की जा रही है. किसानों के द्वारा राज्य शासन की योजनाओं के अंतर्गत नई-नई तकनीकों का प्रयोग कर रंग-बिरंगी गोभी का उत्पादन किया जा रहा है. रंगीन पीली और गुलाबी रंग की जैववर्धित किस्म की फूलगोभी एवं ब्रोकली की खेती कर जिले के कृषकों के लिए नवाचार प्रस्तुत किया है, जो प्राकृतिक खेती से तैयार की गई है.
रंगीन फूलगोभी एवं ब्रोकली के लिए तापमान उपयुक्त
सामान्यतः सफेद रंग की फूलगोभी का उत्पादन किया जाता है. अब रंगीन फूलगोभी एवं ब्रोकली का उत्पादन किया जा रहा है, जो की विटामिन से परिपूर्ण होता है. यह जिले के जलवायु के अनुकुल प्राप्त होता है. इसकी खेती के लिये 15 से 25 डिग्री तक का तापमान होना चाहिए.
सफेद गोभी की तुलना में रंगीन फूलगोभी का दाम दोगुना
रंगीन फूलगोभी को सफेद गोभी की खेती की तरह ही रोपाई से पहले भूमि की जुताई एवं गोबर खाद का उपयोग किया जाता है. यह रंगीन गोभी आम गोभी की तुलना में दोगुना और ब्रोकली से चारगुना दाम प्राप्त कर सकते हैं.
पोषक तत्वों से भरपुर
पोषक तत्व की दृष्टि से इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्निशियम, जिंक पाया जाता है. इससे इम्युनिटी बढ़ती है. इसमें विटामिन ए एवं सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. ब्रोकली फूलगोभी की प्रजाति है. दिखने में यह हरी फूलगोभी की तरह होती है लेकिन स्वाद में अंतर होता है. ब्रोकली में सफेद गोभी की तुलना में ज्यादा स्वादिष्ट है और इसमें भरपूर फाइबर पाया जाता है. इसके अलावा इसमें फाइटोकैमिकल्स, पोलीफेनाल, क्वेंरसेटिन और ग्लूकोसाईड जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो मधुमेह को नियंत्रित करता हैै. एंटीओक्सीडेंट, एंटीइफ्लेमेटरी के गुण मौजूद होते है. शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचाता है.