दुर्ग- जिला पंजीयक के सामने बिल्डर मनोज राजपूत और सैकड़ों ग्रामीणों के साथ जिला पंजीयक कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया किया. उन्होंनें पंजीयक के सामने ही आरोप लगाया कि यहां सभी काम रिश्वत लेकर किए जाते हैं. बिल्डर मनोज राजपूत ने पटेल चौक से पंजीयक कार्यालय तक विरोध रैली निकाली. इसके बाद उन्होंने पंजीयक कार्यालय के सामने किसानों के साथ रघुपति राघव राजाराम का भजन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि बड़े बिल्डर के इशारे पर कलेक्टर और जिला पंजीयक ने छोटे प्लाट की रजिस्ट्री को बैन कर दिया है. इससे किसान अपनी जमीन नहीं बेच पा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री करने का आदेश दिया है. दुर्ग जिले को छोटे प्लाट की रजिस्ट्री में अव्वल बताया है. इसके बाद ऐसा क्या हो गया है जो छोटे भू खंडों की रजिस्ट्री को बैन कर दिया गया है. किसान अपनी जमीन बेचना चाह रहा है, लेकिन उसकी रजिस्ट्री नहीं की जा रही है. राजपूत ने कहा कि जिले का एक बड़ा बिल्डर अपनी कालोनी के मकान बेचने के लिए ऐसा करवा रहा है.
बिल्डर मनोज राजपूत ने आरोप लगाया कि जिला पंजीयक कार्यालय में खुलेआम रिश्वत ली जा रही है. जीएसटी के नाम पर हर एक रजिस्ट्री पर 1 हजार रुपए और यदि थोड़ी बहुत त्रुटि हो गई तो 10 से 20 हजार रुपए रिश्वत ली जा रही है. बिना रिश्वत दिए किसी की भी रजिस्ट्री नहीं हो रही है. क्रेता विक्रेता से रजिस्ट्री शुल्क से अधिक पैसा दलालों के माध्यम से लिया जा रहा है.
बिल्डर के साथ आए किसानों ने कहा कि उन्हें अपने दवा, बेटी की शादी सहित कई अन्य जरूरी आवश्यकताओं के लिए रुपए की जरूरत पड़ती है. उन्होंने अपनी जमीन मनोज राजपूत को बेची है, लेकिन उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है. मनोज राजपूत का कहना है कि उनकी जमीन की रजिस्ट्री होते ही वो रुपए देगा, लेकिन पंजीयक कार्यालय में कहा जा रहा है कि छोटे प्लाट की रजिस्ट्री बैन है.
बिल्डर मनोज राजपूत ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में केस लगाया था. वहां से आदेश आया है कि छोटे प्लाट की रजिस्ट्री की जाए, लेकिन इसके बाद भी यहां मनमानी की जा रही है. इस पर जिला पंजीयक पुष्पलता धुर्वे ने कहा उनके पास ऐसा कोई भी आदेश नहीं आया. वो कलेक्टर से इस संबंध में बात करेंगी. इसके बाद यदि निर्देश मिलेगा तो रजिस्ट्री शुरू कर दी जाएगी.