तहसील कार्यालय दुर्ग में निजी कर्मी निपटा रहे सरकारी कामकाज
दुर्ग- तहसील दफ्तर दुर्ग में अनाधिकृत रूप से निजी व्यक्ति विभिन्न पटलों का कार्य देख रहे हैं. इसी तरह दुर्ग जिले के तहसील कार्यालय दुर्ग में तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार, नजूल तहसीलदार, नायब तहसीलदार व रीडर निजी कर्मी रखकर काम करा रहे हैं. इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है. जनसामान्य को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है. दुर्ग तहसील कार्यालय परिसर में कुल 6 कार्यालय संचालित है. तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का की संख्या 58 और 12 राजस्व निरीक्षक मंडल है.
सरकारी दफ्तरों की पड़ताल करने पर देखा गया कि जिम्मेदारों की कुर्सी पर बैठकर प्राइवेट लोग सरकारी कामकाज निपटाते हुए मिले. आखिर किस उद्धेश्य से प्राइवेट कर्मचारी को दफ्तर में बिठाया जाता है. यह भी सवाल उठता है कि इन कर्मचारियों का सैलरी कहां से आता है? और कौन देता है?
विभिन्न कार्यालयों में अफसरों, कर्मचारियों के साथ प्राइवेट व्यक्ति कार्य कर रहे हैं. निरीक्षण के समय यह भी देखा गया है कि यह स्पष्ट नहीं हो पाता है कि अधिकारी/कर्मचारी किसी शासकीय कार्य से बाहर गए हैं या अनुपस्थित हैं. संज्ञान में आया है कि बंटवारा, बंदोबस्त त्रुटि, बटांकन, धारा 115 सामान्य सुधार, अपील, सीमांकन, नया साहूकारी लाईसेंस/ निजीकरण, फौती, प्रमाणीकरण, नोटिस ईश्तहार प्रकाशन, आवेदक का 18-4 बयान, पटवारी प्रतिवेदन और न्यायालय से संबंधित कार्य को शासकीय रीडर अपने अधीन रखे प्राइवेट कर्मचारी को सौंपा देते है और ये सभी काम प्राइवेट कर्मचारी के द्वारा किया जाता है. शासन द्वारा रीडरों कर्मचारियों को कम्प्यूटर भत्ता दिया जाता है. आखिर सरकारी दफ्तरों में प्राइवेट कर्मचारियों को क्यों रखते है. प्राइवेट कर्मचारियों के सहारा काम करने के बदले बंद कमरे में कही भ्रष्टाचार को बढ़ावा तो नहीं दिया जा रहा?
जिले के महत्वपूर्ण तहसील कार्यालय दुर्ग में विभिन्न प्रकार की दस्तावेज रहते है. अगर किसी भी भू-माफिया या अन्य मामलों को लेकर शिकायत किया जाता है तो वहां प्राइवेट बैठे कर्मचारी उन भू-माफियाओं को सूचना दे देते है कि आपके खिलाफ अमूख आदमी ने आपके खिलाफ इन मामलें को लेकर शिकायत किया गया है. सरकारी दफ्तर में गोपनियता को भंग किया जा रहा है. उस शिकायतकर्ता की पूरी जानकारी दे दिया जाता है. आखिर यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है. इनको संरक्षण कौन दे रहा है? यह जांच का विषय है. उच्च अधिकारी और शासन प्रशासन को भी इस ओर ध्यान आकृष्ट करना चाहिए. भविष्य में किसी भी प्रकार से शासन और आम जनता को नुकसान का सामना न करना पड़े.
इन अधिकारियों के शासकीय कर्मचारियों ने रखा प्राइवेट कर्मचारी
क्र. | अधिकारी का नाम | शा. कार्यरत कर्मचारी का नाम | प्राइवेट कर्मचारी का नाम |
1 | प्रफुल्ल कुमार गुप्ता
तहसीलदार दुर्ग |
1. प्रकाशकुमार ठाकुर-सहा.ग्रेड-2
2. छाया बारसा गड़े- सहा.ग्रेड-2
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1. तेज कुमार साहू
2. संतोष कुमार
1. श्रद्धा 2. सरिता |
2 | क्षमा यदु
अति.तहसीलदार दुर्ग |
1. सैय्यद गफ्फार अली
सहा.ग्रेड-3 |
1. दुर्गा राजपुत
2. राम कुमार |
3 | हुलेश्वर नाथ खुटे
अति.तहसीलदार दुर्ग |
1. सौरभ भादुड़ी सहा.ग्रेड-3 | 1. नरगीस खान
2. बलराम |
4 | ढालसिंह बिसेन
नायब तहसीलदार दुर्ग |
1. रेणुबाला श्रीवास्तव
सहा.ग्रेड-2 |
1. नीलिमा |
5 | ज्योत्सना कलिहारी
नायब तहसीलदार दुर्ग |
1. रेखा तिवारी सहा.ग्रेड-3 | 1. किरण
2. वर्षा |
6 | वसुमित्र दीवान
नायब तहसीलदार दुर्ग |
1. लीना तिवारी सहा. ग्रेड-3 | 1. प्रदीप |