संगठन ने कहा माता सावित्री बाई फूले हमारी स्वाभिमान व प्रेरणास्रोत है माता जी के त्याग समर्पण से ही हम महिलाओं को शिक्षित होने का अधिकार मिला. माता सावित्री देश की प्रथम महिला शिक्षक थीं शिक्षा के माध्यम से ही माता सावित्री ने सामजिक कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया. माता सावित्री भाई फूले जी के संघर्षों का परिणाम है.आज महिलाओं को देश के सर्वोच्च पदों में काम करने व समानता का अधिकार मिला हैं। साथ ही महान जननायक जयपाल सिंह मुंडा जी जिनके नेतृत्व में भारत को 1928 में हॉकी में प्रथम गोल्ड मेडल मिला. सन् 1927 मे भारतीय सिविल सेवा में उनका चयन हुआ। ओलिंपिक खेलों के लिए उन्होंने भारतीय सिविल सेवा की भी नौकरी छोड़ दी. संविधान सभा का उन्हें सदस्य बनाया गया संविधान सभा में उन्होंने आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए कई प्रावधान सम्मिलित कराए। पूरे भारतवर्ष के आदिवासी उन्हें जननायक के रूप जयंती पर याद करते हैं.
जयंती कार्यक्रम में चंद्रकला तारम, कनकलता नाग,उमा सिंह,लोकेश्वरी ध्रुव,अनु जांगढे, पार्षद चंद्रभान सिंह ठाकुर, राजेन्द्र रजक, गुलाब दास,
जी.एल.देवदास,एम.आर.अनन्त, सुरेन्द्र मोहंती, चंद्रकला जांगड़े, सरीता साहू,चंद्रिका रावत राधि उपस्थित रहे.