
दुर्दशा का शिकार छठ तालाब, राम वन गमन पथ की छवि धूमिल
भिलाई- छठ पूजा के बाद सेक्टर-2 भिलाई स्थित तालाब की साफ-सफाई का मुद्दा अब जोरों से उछल रहा है. वर्तमान में तालाब के चारों तरफ गंदगी पसरी पड़ी है. पूजा से पहले इस तालाब की युद्ध स्तर पर साफ-सफाई की गई थी लेकिन पूजा के बाद इस तालाब की साफ-सफाई कौन करे यह मुद्दा कुछ दिनों से गरमाया हुआ है. नगर निगम एवं भिलाई इस्पात संयंत्र जैसी संस्थाएं भी चुप बैठी हुई है. अभी तक किसी भी संस्था ने तालाब के रख-रखाव और जीर्णोद्धार की जवाबदेही नहीं ली है. छठ पूजा के बाद तालाब की दुर्दशा को देखने की फूर्सत किसी के पास नहीं है. साफ-सफाई के मुद्दे को लेकर चारों तरफ उदासीनता है. सफाई के मामले में जन-प्रतिनिधिगण और नगर निगम, बीएसपी प्रशासन तीनों उदासीन हैं. वैसे भी भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव एक प्रकरण में वर्तमान में जेल में है. जिससे भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र जन प्रतिनिधि विहीन हो चुका है. यही कारण है कि तालाबों की साफ-सफाई को लेकर चारों तरफ उदासीनता बनी हुई है.
छठ पूजा से पहले पर्व की तैयारी को लेकर नगर निगम द्वारा जोरों-शोरों से तैयारी की गई थी लेकिन छठ पूजा समाप्त होते ही तालाब परिसर में वीरानी का आलम है. वर्तमान में तालाब के चारों ओर जो गंदगी पड़ी हुई है. उससे लोगों ने यहां पर घुमना बंद कर दिया है. तालाब में गंदगी का अंबार लग गया है. पूजा के अवशेष फूल, गन्ने के पत्ते, दीयाबाती, आगरबत्ती एवं धूप के खाली पैकेट, झिल्ली पन्नी के अलावा घाट के चारों ओर केले के पत्ते, दोना-पत्तल, ईंट, कपड़े, खिलौने, लकड़िया, फटाकों के अवशेष सहित अन्य कचरे पड़े हैं. तालाब का पानी गंदगी से बजबजा रहा है. इस ओर किसी का ध्यान नहीं है. देश व प्रदेश में सत्ता स्तर पर पर्यावरण प्रदूषण को लेकर चिंता जताई जा रही है लेकिन नगर निगम पूरे मामलें में उदासीन बना हुआ है. इससे छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा एवं राम वनगमन पथ की रौनक और आकर्षण धूमिल हो रहा है. यह वह तालाब है जिसमें कांग्रेस सरकार के समय सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च किए गए लेकिन छठ पूजा के बाद साफ-सफाई को लेकर किसी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
यह वह तालाब है जहां कई वर्षो से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पांडेय सपरिवार छठ पूजा के लिए आते है. जिनके बीजेपी दल की सरकार राज्य और केंद्र में है लेकिन सत्ता पक्ष का ध्यान इस ओर भी नहीं है. प्रदूषण एवं गंदगी से सेक्टर-2 तालाब की स्थिति बद से बदतर हो गई है. पूजा से पहले जहां निगम यहां सफाई मामले में सक्रिय था वहीं पूजा के बाद चुप्पी साधकर बैठ गए हैं.
ज्ञात हो कि विधायक देवेंद्र यादव की मांग पर सेक्टर-2 तालाब का बड़े स्तर पर सौंदर्यीकरण किया गया था.1 करोड़ 44 लाख की लागत से पूरे तालाब की तस्वीर ही बदल दी गई थी. सेक्टर-2 तालाब को और आकर्षक बनाने के लिए यहां लैंड स्केपिंग, ओपन जिम, खेलकूद सामाग्री, रंगीन लाइट एवं भव्य प्रवेश द्वार बनाया गया था लेकिन आज छठ पूजा के बाद इस तालाब की साफ-सफाई की ओर किसी का ध्यान नहीं है.
छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा के दर्शन
सेक्टर-2 तालाब भिलाई शहर ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ का पहला और एकमात्र ऐसा तालाब जहाँ जहां राम वन पथगमन के साथ ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित हुयी जहाँ लोग दर्शन कर सकते हैं. लेकिन इस प्रतिमा एवं तालाब के किनारे बने दीवार पर रामगमन पथ का म्यूरल चित्रकला के महत्व का धयान नहीं रखा गया. कोई जाकर देखे जरा कि क्या स्थिति है यहाँ की !
कब्रिस्तान जैसा दिखता है तालाब का घाट
सफाई एवं रखरखाव के अभाव में तालाब ऐसा लगता है जैसे कोई कब्रिस्तान हो ! छठ पूजा के लिए जो गुम्बदनुमा छोटी-छोटी मिट्टी की आकृतियां (बेदी) बनी हैं वे टूट-फूट कर बिखर रही रहीं हैं. कई विकृति रूप में हैं. रात में इसे देखकर डर लगता है. बच्चे तो भागते हैं. कहते हैं कि कब्रिस्तान है क्या ? इसे दुरुस्त करने की जरूरत है. कुछ लगाना नहीं है बस सफाई की जरूरत है.
स्वच्छता के लिए इच्छाशक्ति की जरूरत
सेक्टर-2 का छठ तालाब गन्दगी से कैसे दूर होगा इस पर बहुत कुछ नहीं करना है, बस इच्छाशक्ति की जरूरत है. इसमें दो बार पानी बदला जाता है. उस प्रक्रिया को अपनाया जाय. टीम लगाकर व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया जाय और देखरेख सुचारू की जाय. ध्यान रहे, यह तालाब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित है इसलिए दूर-दूर के लोग भी यहाँ पर्यटन के लिए आते हैं. गन्दगी होने से शहर के साथ-साथ प्रशासन की भी बदनामी होती है.