
बैठक में नारी सम्मान की प्राथमिकता पर दिया गया जोर
एक शाम मातृशक्तियों के नाम का सामाजिक बैठक बंगाली दुर्गा मैदान में आदिवासी मातृशक्तियों द्वारा रखा गया. जिसमें नारी सम्मान की प्राथमिकता पर जोर दिया गया. संगठन अध्यक्ष अष्लेश मरावी ने कहा बड़े बुजुर्गों के अनुभव एवं आशीर्वाद परिवार व समाज को एक नई दिशा मिलती है आने वाले पीढ़ी का भविष्य उज्जवल होता है.
मातृशक्तियों ने कहा कि बेटियों के बिना हर कार्य अधुरा है. घर, समाज और देश की निर्मात्री है बेटी इसलिए उसे बचपन से घर की मान मर्यादा और सहनशीलता का पाठ पढ़ाया जाता है, लेकिन आज परिवर्तनशील समाज और देश में ही क्या घरों में भी पुरुषार्थ हावी है. आज भी अपनी इच्छा शक्ति को नारी दफन करती है. अब मातृशक्तियों को जागना और समझना होगा तभी बेटियां बचेंगी और हर मुकाम हासिल करेंगी तभी देश तरक्की कर पायेगा. इसी परिपेक्ष में समाज सेविका चन्द्रकला तारम द्वारा मातृशक्तियों को शॉल भेंट कर उनको सम्मानित किया गया, जो सदैव आगे बढ़ने, एकजुट होने और रहने का प्रेरणा प्रदान करती है.
चंद्रकला तारम ने कहा –
शिक्षा की मूलबिंम है नारी,
त्याग, समर्पण की खान है नारी।
इसलिए तो अपने घर की मान सम्मान बचाने आज भी आहूति देती है नारी।।
इस कार्यक्रम में अध्यक्षा अश्लेष मरावी, गीतांजली बिसेन, भुनेश्वरी उइके, उमा सिंह जगत, हीरा मेश्राम, मान कुंवर, कीर्ति ठाकुर, माधुरी रावटे, चन्द्रकला तारम, सुशीला मरावी, पल्लवी ठाकुर त्रिवेणी बाई निषाद, बुन्दु निषाद, सुखबती निषाद, हेमिन निषाद, सुशीला मानिकपुरी, बुधाबाई इत्यादि उपस्थित थे.