वैक्सीन निर्माता कंपनी से वसूले चुनावी बांड
सीएजी के रिपोर्ट के अनुसार आयुष्मान योजना के नाम पर हजारों करोड़ के घपले व घोटाले
केंद्र की मोदी सरकार के विगत 10 वर्षों में देश में स्वास्थ्य सेवा बदहाल हुई है
रायपुर- लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दोनों प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों का घोषणा पत्र जारी हो चुका है. स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जहां कांग्रेस पार्टी ने 19 महत्वपूर्ण वादे किये है, वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने संकल्प पत्र में भी आम जनता को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की दिशा में कोई ठोस वादा करने में नाकाम रही. भाजपा के घोषणा पत्र में स्वास्थ्य सेवा के संबंध में केवल पुराने वादे ही है, जो पूर्व में भी पूरे नहीं हुये. एम्स में डॉक्टर, नर्स, तकनीशियनों के लगभग 45 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त हैं, मोदी सरकार ने भर्तियां रोक रखी है जिसका नुकसान मरीजों को उठाना पड़ रहा है. आयुष्मान योजना नई नहीं है. आजादी के बाद से ही कांग्रेस की सरकारों ने तमाम तरह के टीके निःशुल्क लगवाने की व्यवस्था की. मोदी सरकार ने तो वैक्सीन निर्माता कंपनी से चुनावी बांड वसूले, मोदी सरकार में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर भी लगातार सवाल उठते रहे है. मोदी सरकार ने स्वास्थ्य के बजट में भी लगातार कटौती की है. भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में भी स्वास्थ्य सेवा की उपेक्षा स्पष्ट तौर पर दिख रही है.
कांग्रेस ने अपने न्याय पत्र में 19 बिंदुओं का वादा
- कांग्रेस वादा करती है कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं, जैसे अस्पताल, क्लिनिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मोबाइल स्वास्थ्य इकाई, औषधालय और स्वास्थ्य शिविर में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल हर नागरिक के लिए निःशुल्क उपलब्ध होगी. निःशुल्क स्वास्थ्य देखभाल में परामर्श, जांच, उपचार, सर्जरी, दवाएं और पुनर्सुधार शामिल होंगे.
- राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई चिरंजीवी योजना के तर्ज पर देशभर में 25 लाख रुपए तक निःशुल्क इलाज के लिए कैशलेस बीमा योजना लागू की जाएगी.
- कांग्रेस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक मानदंडों (IPHS) के अनुसार विकसित करेगी, और प्रत्येक पीएचसी में डायग्नोस्टिक्स (आधुनिक जांच सुविधाएं) उपलब्ध कराएगी.
- कांग्रेस निजी और सरकारी क्षेत्र में स्वास्थ्य बीमा योजनाओं की शुरूआत को बढ़ावा देगी. मौजूदा यूनिवर्सल स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम को विभिन्न वर्गों की जरूरतों के अनुरूप नया स्वरूप दिया जाएगा और निजी अस्पतालों, गैर-लाभकारी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली संस्थाओं और स्वास्थ्य केंद्रों को इसके तहत सूचीबद्ध करने की अनुमति दी जाएगी.
- कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि मातृत्व लाभ सभी महिलाओं को मिले. सभी नियोक्ता अनिवार्य रूप से अपने कर्मचारियों के लिए सवैतनिक (वेतन के साथ) मातृत्व अवकाश देंगे.
- कांग्रेस स्वास्थ्य के लिए बजट आवंटन को हर साल चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर वर्ष 2028-29 तक बजट का न्यूनतम 4 प्रतिशत करेगी.
- कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने वाले डॉक्टरों के लिए कठिनाई भत्ता दोगुना करेगी और उनके रहने के लिए उपयुक्त सुविधाएं प्रदान करेगी.
- कांग्रेस फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (जैसे आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मध्याह्न भोजन रसोइया, आदि) के मानदेय में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना करेगी.
- कांग्रेस प्रत्येक जिले में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज – सह – अस्पताल स्थापित करेगी.
- कांग्रेस सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं और मेडिकल कॉलेजों में रिक्त सभी पदों (मेडिकल और पैरामेडिकल) को तीन साल के भीतर भरेगी.
- मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए 75 प्रतिशत पदों को भरने की न्यूनतम कानूनी अनिवार्यता होगी.
- कांग्रेस राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम की समीक्षा करेगी और कमियों को दूर करेगी. आयोग (NMC) को अपने दायित्वों का निर्वहन करने की पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी.
- कांग्रेस 2,500 से अधिक आबादी वाली बसाहट में एक अतिरिक्त आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति करेगी.
- कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि चिकित्सा की सभी प्रणालियों को सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जाए.
- कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि दवाओं के सभी निर्माताओं पर कड़ाई से निगरानी रखी जाए ताकि वे अच्छी गुणवत्ता बनाए रखे और अच्छी उत्पादन प्रक्रिया का पालन करे.
- कांग्रेस केंद्र सरकार के औषधालयों की संख्या में तेजी से विस्तार करेगी. सभी केंद्रीय सरकारी औषधालय उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता की ब्रांडेड और जेनेरिक दवाएं वितरित करेंगे.
- कांग्रेस टीकाकरण के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू करेगी. अभी देश के केवल 76 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण टीकाकरण हो पाता है. कांग्रेस 5 वर्षों के भीतर 100 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करेगी.
- कांग्रेस मध्याह्न भोजन योजना का विस्तार बारहवीं कक्षा तक करेगी ताकि बच्चों में पोषण की कमी दूर की जा सके और बौनापन (स्टंटिंग) (उम्र के हिसाब से कम लंबाई) और कुपोषण (वेस्टिंग) (लंबाई के हिसाब से कम वज़न) की घटनाओं को तेजी से कम किया जा सके.
- कांग्रेस एक सुरक्षा कानून पारित करेगी जिसके अंतर्गत अपने कर्तव्यों का पालन करते समय डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को अपराध का दर्जा दिया जाएगा.
छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य का इंफ्रास्ट्रचर लगभग ढाई गुना बेहतर किया, 4000 से अधिक पदों पर स्वास्थ्य विभाग में नियमित पदों पर भर्तियां की. हमर अस्पताल, मोहल्ला क्लिनिक, हाट बाजार क्लिनिक और स्लम चिकित्सा योजना के तहत निःशुल्क जांच, इलाज और दवा की व्यवस्था करवायी. डबल इंजन की सरकार आने के बाद से छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह से चरमरा गयी है. आयुष्मान कार्ड से इलाज अघोषित रूप से बंद है, भुगतान नहीं मिलने से कई अस्पताल मरीजों को बिना इलाज के लौटा रहे है. भाजपाई बतायें कि देश की जनता को स्वास्थ्य सेवा के अधिकार से क्यों वंचित रखा जा रहा है?
पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, डॉ. अरुण केडिया, डॉ. सत्यजीत साहू, प्रवक्ता अजय गंगवानी, अमित श्रीवास्तव उपस्थित थे.