
रासायनिक खाद, कीटनाशक दवाईयों का नहीं होगा प्रयोग
बालोद जिला जैविक खेती की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है. वहां की गौठानों में संचालित बाड़ियों में रासायनिक खादों का प्रयोग नहीं होगा, सिर्फ जैविक खाद का ही उपयोग किया जाएगा. यहां की 144 गौठानों में जैविक खाद और दवाईयों का उपयोग कर साग-सब्जियों का उत्पादन होगा. इस संबंध में बालोद कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने निर्देश दिया है कि साग-सब्जियों में प्रयोग किए जाने वाले रासायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाओं के दुष्प्रभावों से बचने के लिए जिले की गौठानों में केवल आर्गेनिक साग-सब्जियों का उत्पादन किया जाएगा.
समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर ने गौठानों में निर्मित सब्जी बाड़ियों में किसी भी स्थिति में रासायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाईयों का प्रयोग नहीं करने को कहा हैं. उन्होंने इसके बदले गौठानों में निर्मित जैविक खाद एवं कीटनाशक दवाई, वर्मी कम्पोस्ट, जीवामृत एवं ब्रम्हास्त्र आदि का शत-प्रतिशत उपयोग करने के निर्देश दिए है. उल्लेखनीय है कि बालोद जिले में 373 गौठाने है, जिसमें 144 गौठानों में बाड़ी बनाई गई है. इन गौठानों में जैविक खाद और दवाईयों का उपयोग कर आर्गेनिक साग-सब्जियों का उत्पादन किया जाएगा.