
आदिवासी युवतियों के साथ दो ननों को गिरफ़्तार करने के मामले में जांच करनी चाहिए थी
रायपुर- दुर्ग में दो ननों सहित तीन लोगों को गिरफ़्तार कर मानव तस्करी व धर्मांतरण का आरोप लगाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के राज में पूरे देश में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं. उन्होंने कहा है कि बहुसंख्यकों का ध्रुवीकरण करने के लिए भाजपा ऐसा षडयंत्र करती है.
पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने कहा है कि क़ानून यह कहता है कि किसी मामले में शिकायत दर्ज हो तो पहले जांच की जानी चाहिए फिर एफ़आईआर दर्ज करके कार्रवाई करना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकारों के अंतर्गत पूरे देश में हो रहा है कि जैसे ही अल्पसंख्यकों का मामला आता है, पुलिस बिना क़ानूनी औपचारिकता पूरी किए कार्रवाई करती है. चाहे वो ईसाइयों का मामला हो, मुसलमानों का या फिर सिख या किसी अन्य अल्पसंख्यक का. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बहुसंख्यक समुदाय के राजनीतिक ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करती है.
श्री बघेल ने कहा है कि ननों पर भी इसीलिए कार्रवाई की गई कि तीनों आदिवासी महिलाओं को उनकी सहमति से रोज़गार के लिए साथ ले जाया जा रहा था और इसमें उनके परिजनों की स्वीकृति भी थी. नौकरी करना हर किसी का नागरिक अधिकार है और इसके लिए कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी हिस्से में जाकर काम कर सकता है.
उन्होंने कहा है कि पुलिस की अनुचित कार्रवाई पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह बयान भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह महिलाओं की सुरक्षा का मामला है. उन्होंने कहा है कि बयान देने से पहले मुख्यमंत्री तथ्यों की जांच करवा लेते तो बेहतर होता. इस मामले पर विरोध दर्द करवाने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संगठन) के. सी. वेणुगोपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि जिन ननों पर आरोप लगाए गए हैं वे एसिसी सिस्टर्स ऑफ़ मैरी इमैक्युलेट (एएसएमआई) की सदस्य हैं और परिजनों की स्वीकृति के साथ उनके साथ जा रहीं थीं. इस मामले में आज संसद में भी विरोध प्रदर्शन किया गया.