
छत्तीसगढ़ विधानसभा: मानसून सत्र के दूसरे दिन जल जीवन मिशन के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा
रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन जल जीवन मिशन योजना को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. प्रश्नकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री अरुण साव से सवाल किया कि वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में इस योजना के तहत कितनी राशि व्यय की गई और लक्ष्य के विरुद्ध कितने घरों में अब तक जल सुविधा पहुँची है? उन्होंने यह भी मांग की कि जिलेवार जानकारी प्रस्तुत की जाए.
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने जवाब में बताया कि- 2022-23 में ₹4203.4038 करोड़, 2023-24 में ₹5374.2212 करोड़, और 2024-25 में अब तक ₹3522.3547 करोड़ खर्च किए गए हैं. उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत कुल 49,98,249 लक्षित घरों में से अब तक 31,16,398 घरों को नल कनेक्शन के माध्यम से जल आपूर्ति दी गई है.
मंत्री के इस जवाब पर विपक्ष ने असंतोष जताया. भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि, “हमारी सरकार ने जल जीवन मिशन के लिए ज्यादा बजट उपलब्ध कराया और काम भी ज्यादा किया. आपकी डबल इंजन की सरकार ने न सिर्फ बजट कम किया, बल्कि प्रगति भी ठप है.”
वहीं, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “20 महीने में आपने सिर्फ 7% काम किया है, जबकि हमारी सरकार ने 74.85% कार्य पूर्ण किया था. अब बताइए आपकी ‘चार इंजन’ की सरकार ने क्या किया?”
जवाब में मंत्री अरुण साव ने कहा कि वर्तमान सरकार ने 10 लाख घरों को नल कनेक्शन देकर जल सुविधा प्रदान की है.
विपक्ष मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर गया.
इससे पहले सदन में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर और कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव आपस में ही भिड़ गए. दोनों ही सदस्यों के बीच तू-तू-मैं-मैं होने लगी. भारी हंगामे पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को उठकर हस्तक्षेप करना पड़ा. डॉ. रमन सिंह ने कहा, प्रश्नकाल को बाधित नहीं किया जाता. आसंदी की मर्यादा का ध्यान रखें. प्रश्नकाल में हंगामा करना उचित नहीं है. पूरा देश छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही को देखता है. सदस्यों को आपस में देखकर बात नहीं करनी चाहिए. आसंदी की ओर देख कर बात करनी चाहिए. आसंदी की मर्यादाओं का पालन हम सभी को करना होगा.