
पराक्रम और शौर्य की प्रतिमूर्ति थी रानी लक्ष्मीबाई नारी शक्तियों के लिए है मिसाल: किरण रविन्द्र वैष्णव
राजनांदगांव- खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बम्हनी चारभांटा में रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस व मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष किरण रविन्द्र वैष्णव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई. कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद पंचायत छुरिया अध्यक्ष संजय सिन्हा ने की. साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत सभापति बिरम मंडावी उपस्थित रही. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि किरण वैष्णव व विशिष्ट अतिथियों द्वारा पूजा अर्चना कर रानी लक्ष्मीबाई जी के मूर्ति का अनावरण किया गया. विगत 18 वर्ष से प्रति वर्ष रानी लक्ष्मीबाई जी का बलिदान दिवस ग्राम वासियों द्वारा मनाया जा रहा है.
जि.प.अध्यक्ष किरण रविन्द्र वैष्णव ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता की पहली लड़ाई झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में शुरू हुई थी. 18 जून 1857 में अंग्रेजों के साथ हुई निर्णायक लड़ाई में ग्वालियर में उनका बलिदान हुआ था. रानी लक्ष्मीबाई अभूतपूर्व पराक्रम और शौर्य की प्रतिमूर्ति थी. जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राणों का उत्सर्ग कर दिया. अभूतपूर्व पराक्रम और शौर्य की प्रतिमूर्ति, झांसी की रानी, वीरांगना लक्ष्मीबाई जी को बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं. मातृभूमि की रक्षा के लिए आपका अतुलनीय साहस गौरवशाली इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, जो हमारे बेटियों को प्रेरित करता रहेगा. आजादी की लड़ाई में उनकी बहादुरी और प्रयास पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे. विपरीत परिस्थितियों में उनके नेतृत्व ने दिखाया कि सच्चा दृढ़ संकल्प क्या होता है.
छुरिया जनपद पंचायत अध्यक्ष संजय सिन्हा ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने मातृभूमि की आजादी के लिए अलख जलाकर तत्कालीन समय में अखंड भारत को जागृत करने का कार्य किया था. शौर्य, पराक्रम और अदम्य साहस के इतिहास में वीरांगना लक्ष्मीबाई का स्वर्णिम अध्याय देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा. जिला पंचायत सभापति बिरम रामकुमार मंडावी ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई की तलवार ने इतिहास नहीं, आने वाली पीढ़ियों का हौसला गढ़ा है. रानी लक्ष्मी बाई ने जो वीरता की विरासत छोड़ी, वही आज हर भारतीय नारी के आत्मबल और स्वाभिमान में जीवित है.
इस अवसर पर जनपद सदस्य उभयराम चंन्द्रवंशी, मीना धुर्वे संरपच, रामकुमार मंडावी, कुमार साय साहु, कुंदन बडोले, राजेश्वर धुर्वे, नैनसिंह पटेल, एस कुमार सिन्हा,भुखन धनकर,तोरण दास वैष्णव, धर्मेन्द्र साहु,मोनेश साहु,भारत मंडावी,योदो दास वैष्णव ग्राम पटेल,देवासु कुंजाम,अधर कुंजाम, रामचंद्र साहु, पुनाराम वर्मा समेत पंच गण व ग्रामवासी उपस्थित थे.