
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश ने मुख्यमंत्री साय को लिखा पत्र, कहा प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित हूं
भिलाई- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है. पत्र में इस घटना पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए श्री बघेल ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया है.
अपने पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश ने लिखा है कि, 27 अगस्त मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा भिलाई-तीन थाने का घेराव और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते वक्त पुलिस ने अनावश्यक लाठी चार्ज किया है. इससे मैं दुखी हूँ और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित भी हूं. उनहोंने लिखा कि, एक जनप्रतिनिधि की हैसियत से मेरा यह दायित्व और कर्तव्य है कि मैं नागरिकों के साथ अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाऊं और शासन को निरंतर उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराता रहूं.
श्री बघेल ने आगे लिखा है कि, दरअसल 24 अगस्त को बजरंग दल से जुड़े युवाओं की टोली ने मेरे काफिले को बीच चौराहे पर रोका था. इन युवाओं ने सुरक्षाकर्मियों के साथ झूमाझटकी और अभद्र व्यव्हार भी किया था. यह मेरी सुरक्षा में बड़ी सेंध थी. उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए 27 अगस्त को विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था. इस प्रदर्शन के संबंध में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी भिलाई चरौदा के अध्यक्ष मनोज मढ़रिया ने 25 अगस्त को सम्बंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी भिलाई-03 को सूचित किया था. जिसपर उनके द्वारा संदर्भित पत्र क्र./3180/वाचक-2/अ.वि.दं. / 2024 भिलाई-3 26.08.2024 के माध्यम से विभिन्न अधिकारियों को सूचना दे दी गई थी. उनके द्वारा प्रदर्शन ना करने अथवा उसे स्थगित करने की किसी भी प्रकार की हिदायत कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों को नहीं दी गई थी.
पूर्व सीएम ने लिखा कि, शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार संविधान द्वारा संरक्षित एक मौलिक अधिकार है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन नागरिकों की आवाज उठाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है और यह हमारे लोकतंत्र की मजबूती और जीवंतता का प्रतीक है. इस पत्र के माध्यम से मैं यह जानना चाहता हूँ कि, क्या लाठीचार्ज करने के लिए कानून अनुसार क्षेत्राधिकारी कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा आदेशित किया गया था? पुलिस को यह अधिकार नहीं है कि, वह अपने बल का प्रयोग शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को कुचलने के लिए करे. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 149 (3) इतने ही बल का प्रयोग करने की अनुमति प्रदान करती है जो सभा को तितर-बितर करने के अनुरूप हो. परन्तु सोशल मीडिया में वायरल वीडियो से यह साफ दिखाई पड़ता है कि, पुलिस का उद्देश्य कुछ और ही था. पुलिस ने बिना किसी सूचना या उकसावे के लाठी चार्ज किया. उलटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज कर दिया है. पुलिसकर्मियों द्वारा किया गया लाठी चार्ज व अनावश्यक धाराओं में मामला दर्ज करना पूर्ण रूप से विधि विपरीत है.
दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग
आपसे विनम्र निवेदन है कि इस मामले की गहन और निष्पक्ष जांच करवाई जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर, पदाधिकारी पर दर्ज मामलों को वापस लिया जाये. मैं यह भी आग्रह करता हूं कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएं जिससे फिर कभी हमारे संविधान की भावनाएं आहत ना हों.