
जिले में सिकल सेल मरीजों को चिन्हांकन करके उचित उपचार किया जाएगा
डॉक्टरों की टीम ने सिकल सेल के लक्षण और उपाय बताएं
जशपुरनगर : कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के दिशा-निर्देश में जिला चिकित्सालय जशपुर के सभा कक्ष में डॉक्टर, स्टॉफ नर्स और लैब टेक्नीशियन को आज सिकल सेल का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि जिले के सभी मरीजों का चिन्हांकन करके डेटाबेस तैयार किया जाए और उनको सही समय पर सही उपचार दिया जाए. इसी उद्देश्य से एक दिवसीय प्रशिक्षण में अम्बिकापुर के संगवारी टीम और दिल्ली एम्स हॉस्पिटल के जाने माने विशेषज्ञ डॉ. योगेश जैन, डॉ. चेतन्य मलिक, डॉ. अभिजीत गडेवार, इन्दुरोश लकड़ा, डॉ. नेहा की टीम ने सिकल सेल के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
डाक्टरों ने बताया कि सिकल सेल मरीजों को हाइड्रोक्सीयूरिया के नियमित सेवन से मरीजों को बार बार खून चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती है साथ असहाय दर्द से निजात मिलती है. डॉक्टरों ने सिकल सेल के लक्षण और उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी. इस अवसर पर जिला सलाहकार श्री राजेश कुरील उपस्थित थे. सिकल सेल के विशेषज्ञ डॉ. योगेश जैन दिल्ली एम्स के मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई पुरी किए हैं और सिकलीन के ईलाज के लिए जाने माने डॉक्टरों में उनका नाम शामिल है.
डॉक्टरों ने बताया कि गर्भवावस्था, बार-बार खून की कमी होना, बच्चों के जोड़ में हमेशा दर्द होने पर, ऑख में पिलिया या पिवरी हुआ हो तो, परिवार में मा, पिताजी, भाई या बहन किसी को सिकलीन बीमारी हो तो सिकल बीमारी की जांच करवाना जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि बहुत तेज बुखार होने पर, सांस लेने मे कष्ट होने पर, छाती में दर्द होने पर, पेट मे सूजन होने पर, तेज सिरदर्द होने पर, अचानक कमजोरी या बेहोशी होने पर, मिर्गी या हापुड़ का दौरा आने पर, पुरुष लिंग मे अधिक कड़ापन और दर्द होने पर, आँख से ठीक से दिखाई ना देने पर और पैरासेटामॉल या घरेलू उपचार से दर्द ठीक ना होने अस्पताल तुरंत जाना चाहिए.
साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सिकल के मरीज रोज करीब 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए. शरीर में पानी की कमी ना होने देना चाहिए, इससे दर्द बढ़ सकता है. गर्मी के मौसम में शरीर का पानी और काम हो जाता है ऐसे में विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती है. सिकल सेल के मरीज दर्द या बुखार आने पर एक पैरासेटामॉल की गोली दे सकते है. तौलिया गरम पानी में निचोड़कर उसे दर्द वाले जगह रख सकते है. ध्यान देने चाहिए की ठंडा तौलिया ना हो. एसएस वाले मरीजो को हाइड्रोक्सीयूरिया की गोली नियमित रूप से लेना चाहिए. शादी से पहले लड़का और लड़की दोनों को सिकलिंग की जांच जरूर करवानी चाहिए. यदि दोनों को सिकलिंग बीमारी है तो बच्चे को भी बीमारी होने का खतरा रहता है.