
राजनांदगांव – खरीफ फसल के कटाई के उपरांत रबी फसलों का बोनी कार्यक्रम प्रारंभ हो चुका है. जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी 2022 के तहत फसल को प्रतिकूल मौसम सूखा, बाढ़, कीट व्याधि, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान में वित्तीय सहायता के लिए 15 दिसंबर 2022 तक फसलों क किसान बीमा करा सकते हैं. जिले हेतु मुख्य फसल चना तथा अन्य फसल गेहू सिंचित, गेहूं असिंचित एवं अलसी फसल का बीमा करा सकते हैं. बीमा की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2022 निर्धारित है. योजनांतर्गत बीमा इकाई ग्राम निर्धारित है. कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि गत वर्ष एवं इस वर्ष मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए अधिक से अधिक संख्या में कृषक अपने फसलों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बीमा कराएं.
बीमा में शामिल किये जाने वाले कृषक-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत ऋणी एवं अऋणी कृषक जो भू-धारक व बटाईदार हो सम्मिलित हो सकते हैं. अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी गैर ऋणी कृषक जो योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक हो वे बुआई पुष्टि प्रमाण पत्र क्षेत्रीय पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित कराकर एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर योजना में सम्मिलित हो सकते है.
बीमा हेतु प्रीमियम राशि दर-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी फसलों के लिए 15 प्रतिशत कृषक प्रीमियम राशि निर्धारित है. जिसके अनुसार जिला राजनांदगांव, जिला खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई तथा जिला मोहला-मानपुर-चौकी के कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि 536 रूपए चना एवं 610 रूपए गेहूं सिंचित हेतु प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा. इसी प्रकार कृषक द्वारा गेहूं असिंचित के लिए फसल हेतु 330 रूपए, अलसी फसल हेतु 225 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा.
बीमा कराने के लिये आवश्यक दस्तावेज –
ऋणी कृषकों का बीमा संबंधित बैंक, सहकारी समिति द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाएगा. उन्हें केवल घोषणा एवं बुवाई प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा. अऋणी कृषकों को बैंक, सहकारी समिति एवं लोक सेवा केन्द्र में बीमा प्रस्ताव फार्म, नवीनतम आधारकार्ड, बैंक पासबुक, भू-स्वामित्व साक्ष्य (बी-1 पांचसाला), किरायदार, साझेदार कृषक का दस्तावेज, बुवाई प्रमाण पत्र एवं घोषणा पत्र प्रदाय कर बीमा करा सकते हैं.
बीमा कहां कराएं-
कृषकों द्वारा फसल बीमा कराने हेतु अपने संबंधित समिति, संबंधित बैंक, बीमा प्रदाय कंपनी (एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड), लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं.
कृषक हेतु महत्वपूर्ण बिंदु –
एक की अधिसूचित क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल के लिए अलग-अलग वित्तीय संस्थाओं से कृषि ऋण स्वीकृत होने की स्थिति में कृषक को एक ही स्थान से बीमा बीमा कराया जाना है. इसकी सूचना कृषक को संबंधित बैंक को देनी होगी. ऋणी एवं अऋणी कृषकों द्वारा समान रकबा, खसरा का दोहरा बीमा कराने की स्थिति में कृषक के समस्त दस्तावेज को निरस्त करने का अधिकार बीमा कंपनी के पास होगा.
आधार कार्ड अनिवार्य-
फसल बीमा कराने के लिए समस्त ऋणी एवं अऋणी कृषक को आधार कार्ड की नवीनतम, अद्यतन छायाप्रति संबंधित बैंक, संस्थान हो अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाना है. आधार कार्ड उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में फसल बीमा नहीं किया जा सकेगा.
उप संचालक कृषि ने बताया कि ऐसे कृषक जो बैंक से डिफाल्टर की श्रेणी में हैं, वो भी अऋणी कृषक के रूप में अपने फसलों का बीमा करा सकते हैं. फसलों का बीमा करवाने हेतु समय कम होने के कारण अंतिम तिथि का इंतजार न करते हुए कृषक स्वयं अपने नजदीकी सहकारी समिति, बैंक, लोक सेवा केन्द्र में सम्पर्क कर आवश्यक कार्रवाई करें.