
रायपुर – करीब चार साल बाद एक बार फिर रायपुर की आठ रेत घाटों की नीलामी की तैयारी शुरू हो गई है. पिछली बार की नीलामी में रेत सिंडिकेट हावी था. सभी रेत घाट सिंडिकेट के लोगों को मिलने की वजह से रेत की कीमत हर सीजन में यानी बारिश के बाद बढ़ती रही. कोरोना में कई रेत घाटों का एग्रीमेंट खत्म हो गया था, लेकिन नई प्रक्रिया शुरू नहीं होने की वजह से पुराने ठेकेदारों के पास ही रेत घाटों का संचालन रहा. अब सभी तरह की स्थिति सामान्य होने के बाद रेत घाटों की नीलामी के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की जा रही है.
रेत घाटों में रेत सिंडिकेट के हावी होने की वजह से रेत निर्धारत शुल्क 5000 से 5500 में कभी भी नहीं बिकी. रेत लोडिंग करने के लिए मनमाने पैसे लेने की वजह से 500 फीट की एक हाइवा 10 हजार रुपए से ज्यादा में ही बिकी. लोडिंग चार्ज 650 की जगह 3000 लिया गया. इस वजह से भी रेत की कीमत बढ़ती रही.
अफसरों का दावा है कि टेंडर प्रक्रिया ऑनलाइन ओपन होने की वजह से कोई भी व्यक्ति शामिल हो सकता है. इससे पुराने ठेकेदार बाहर होंगे. तय गाइड लाइन के अनुसार रेत घाटों का पट्टा रेत खनन एवं लोडिंग के लिए तय शुल्क से कम प्रति घनमीटर बोली लगाने वालों को दिया जाएगा. पिछली बार 9 रेत घाटों का टेंडर हुआ था, जिसमें एक रेत खदान में साल भर पानी भरे रहने की वजह से 8 खदानें ही संचालित हुईं.
नियम लागू होंगे बोली लगाने वालों के लिए
खनिज विभाग के अनुसार रेत घाटों की बोली लगाने वालों के लिए कई नियम लागू होंगे. इसमें रेत घाटों के लिए सुरक्षा निधि जमा कराने वालों की लिस्ट ऑनलाइन अपलोड रहेगी. बोली लगाने वालों को भी यह भी बताना होगा कि रेत घाटों से उसकी कितनी गाड़ियां परिवहन का काम करेगी. रेत लोड करने वाले सप्लायरों की जानकारी भी ऑनलाइन रहेगी. अफसरों ने साफ कर दिया है कि टेंडर की शर्तों का पालन नहीं किया गया या तीन बार से ज्यादा बिना रॉयल्टी के गाड़ी मिली तो टेंडर रद्द किया जा सकता है. अफसरों ने इस बात की पुष्टि कर दी हैं.