
भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स में प्रवेश प्रारंभ हो गया है. इंटीग्रेटेड कोर्स रोजगार के अनेक विकल्प उपलब्ध कराता है. इसके तहत बीए-एलएलबी और बीकॉम एलएलबी में इसी शिक्षा सत्र (2022-23) से प्रवेश प्रारंभ कर दिया गया है. कानून की शिक्षा के प्रति बढ़ते रुझान एवं इस कोर्स की आवश्यकता को देखते हुए इंटीग्रेटेड कोर्स को प्रारंभ किया गया है. इसके साथ ही भारती विश्वविद्यालय इंटीग्रेटेड कोर्स प्रारंभ करने वाला पहला यूनिवर्सिटी बन गया है.
भारती विश्वविद्यालय के विधि संकाय में इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स के साथ ही एलएलबी, एलएलएम में भी प्रवेश प्रारंभ है. इंटीग्रेटेड लॉ के पांच वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए लॉ प्रवेश परीक्षा “क्लैट” मेरिट लिस्ट अथवा 12वीं कक्षा के प्राप्तांक को आधार बनाया जा सकता है. एलएलबी में प्रवेश के लिए किसी भी संकाय में स्नातक होना जरूरी है. एलएलएम में दाखिला लेने के लिए अभ्यर्थी को एलएलबी होना आवश्यक है.
विधि शिक्षण का सर्वोत्तम केन्द्र
भारती विश्वविद्यालय विधि शिक्षण के क्षेत्र में श्रेष्ठ सुविधाओं से युक्त है. यहां म्यूटकोर्ट हॉल, विधिक सेवा केन्द्र, बौद्धिक संपदा (आईपीआर) सेल, मीडिएशन (मध्यस्थता) केन्द्र, कानूनी विधिक संकाय, प्लेसमेंट सेल और शोध केन्द्र संचालित हैं. इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिए व्यक्तित्व विकास, कौशल, शिक्षण एवं प्रशिक्षण की उत्कृष्ट व्यवस्था की गई है.
पूरे संभाग के लोगों को लाभ
भारती विश्वविद्यालय में स्थापित इस केन्द्र का लाभ पूरे दुर्ग संभाग के विद्यार्थियों को मिलेगा. इसमें दुर्ग, बेमेतरा, कवर्धा, बालोद, राजनांदगांव जिले के विद्यार्थियों को अपने ही संभाग में इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स के अध्ययन की सुविधा मिल गई है.
रोजगार की असीम संभावनाएं
विधि में इंटीग्रेटेड कोर्स करने के बाद बड़े लॉ फर्मों में, बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) में, कार्पोरेट हाउस, लॉ फर्म, प्रायवेट कंपनी में रोजगार के साथ ही वकालत की प्रैक्टिस की जा सकती है. इसके साथ ही सैन्य बल, न्यायिक सेवा, अकादमिक एवं सामाजिक उपक्रम, विधि सलाहकार, लीगल एक्जीक्यूटिव, विधि विश्लेषक के पद पर अपार संभावनाएं हैं.
भारती विश्वविद्यालय का इतिहास
भारती ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अंतर्गत भारती कॉलेज का शुभारंभ सत्र 1997 में किया गया था. उत्कृष्ट शिक्षण सुविधा एवं बेहतर मार्गदर्शन से इस महाविद्यालय ने जल्द ही अपनी पहचान बना ली है. इसे प्रदेश के उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों में गिना जाता है. 2021 में इसे एक स्वतंत्र विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता प्रदान की गई. इस विश्वविद्यालय में उन सभी विषयों के अध्ययन की व्यवस्था है, रोजगारपरक हैं. इस समय भारती विश्वविद्यालय में पीएचडी सहित 129 विषयों का अध्यापन किया जा रहा है. इसमें इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, विधि, फार्मेसी, भौतिकी, रसायन, जर्नलिज्म की स्नातक तथा चिकित्सा शिक्षा में स्नातकोत्तर के अध्ययन की सुविधा है. भारती समूह के महाविद्यालयों से निकले विद्यार्थी आज विभिन्न सरकारी, अर्धसरकारी, एमएनसी एवं कार्पोरेट संस्थानों में कार्य कर रहे हैं.