कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अब लोग इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि सीएम पद के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच पार्टी किसे चुनेगी? इसी बीच डीके शिवकुमार के भाई और कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने अपने भाई को सीएम बनाने की इच्छा जताई है.
उन्होंने कहा कि अगर डीके शिवकुमार को सीएम बनाया जाता है तो वह बेहद खुश होंगे. कांग्रेस विधानसभा दल ने आज बेंगलुरु में साढ़े पांच बजे विधायकों की मीटिंग रखी है, जिसमें सभी विधायक राज्य के नए सीएम के लिए अपना वोट देंगे.
आठ बार के विधायक रहे डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो लिंगायतों के बाद दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है. अपने छात्रवस्था से ही शिवकुमार कट्टर कांग्रेस समर्थक थे. उन्होंने महज 27 साल की उम्र में अपना पहला चुनाव लड़ा था.
कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस की जीत के बाद डीके शिवकुमार ने कहा- “मैं पार्टी के इस जीत का श्रेय पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को देता हूं. लोगों ने हमपर भरोसा जताया और नेताओं ने हमलोगों का समर्थन किया. हम सामूहिक लीडरशिप में एकसाथ मिलकर काम करेंगे. मैने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कहा था कि कर्नाटक को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेंगे.”
2013 से 2018 तक कर्नाटक के सीएम रहे सिद्धारमैया ने 2006 में जेडीएस का साथ छोड़कर कांग्रेस से जुड़े थे. कर्नाटक की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी कुर्बा समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले सिद्धारमैया ने 2013 में सीएम पद के लिए मल्लिकार्जुन खरगे को पछाड़ा था. 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धारमैया ने घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी चुनावी साल होगा.