
भिलाई- पिछले साल अक्तूबर-नवंबर के दौरान 51 वर्षीय एक महिला हाइटेक पहुंची थी. प्रारंभिक जांच में पैन्क्रियाटाइटिस पाया गया था औषधि से उसे आराम भी मिल गया. पर विशेषज्ञ उसके रक्त में कैल्शियम की बढ़ी हुई मात्रा के लिए और जांच करना चाहते थे. मरीज इसके लिए तैयार नहीं हुई और छुट्टी कराकर घर लौट गई. तकलीफ बढ़ने पर वह दोबारा अस्पताल पहुंची. जांच करने पर उसे एक अत्यंत विरल रोग से पीड़ित पाया गया.
गैस्ट्रो विशेषज्ञ डॉ आशीष देवांगन ने बताया कि महिला जब पहली बार अस्पताल आई थी तभी हमें यह आशंका हो गई थी कि महिला के रक्त में कैल्शियम की अत्यधिक मात्रा का कोई और ही कारण था. हम इसके लिए तभी जांच करना चाहते थे. मरीज के दोबारा लौटने पर हमने उसके गले का अल्ट्रासाउंड किया. उसकी पैराथायराइड ग्रंथि में सूजन देखी गई. वह हाइपर पैराथायडिज्म की शिकार थी. ईएनटी विशेषज्ञ डॉ अपूर्व वर्मा ने कुछ और भी जांचें की तब जाकर पता लगा कि उनके पैराथायराइड ग्रंथी में ट्यूमर है. पैराथायराइड ग्रंथि शरीर में चयापचय को नियंत्रित करती है जिसमें रक्त में कैल्शियम की मात्रा को स्थिर रखना भी शामिल है. महिला जब पहली बार आई थी तब भी उसे असहनीय पेटदर्द की शिकायत थी. भोजन करते ही यह दर्द और बढ़ जाता था. हालत यह हो गई थी कि भोजन की थाली देखते ही उसे दहशत होने लगती थी. प्रारंभिक जांच में पैन्क्रियाटाइटिस पाया गया था जिसका औषधि से इलाज कर दिया गया था.
इसके बाद रोगी के शरीर में कैल्शियम की मात्रा सामान्य हो गई. यही नहीं महिला का पेट दर्द भी जाता रहा. डॉ आशीष देवांगन ने बताया कि पैन्क्रियाटाइटिस का संबंध पैराथायराइड से मिलने का यह एक अत्यंत विरल मामला था. वहीं डॉ अपूर्व वर्मा ने भी इसे एक रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना.