
पुलिस ने नौकरी के नाम पर पैसा देने और लेने वालों के खिलाफ एक साथ की कार्रवाई
बिलासपुर- खाद्य निरीक्षक, हॉस्टल अधीक्षक, पटवारी के पद पर शासकीय नौकरी लगाने के नाम पर 43 लाख रुपये की ठगी करने वालों और नौकरी लगाने के लिए पैसा देने वाले के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए तखतपुर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि एक आरोपी पहले से ही एक अन्य मामले में जेल में बंद है. बिलासपुर जिले मे थाना तखतपुर की पहली कार्यवाही जिसमे आरोपी के साथ नौकरी के नाम पर पैसा देने वाले दोनों के खिलाफ एक साथ कार्रवाई की गई है.
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता सूर्यकांत जायसवाल ने अपने तीन बच्चों को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए फरवरी 2022 से जून 2023 के बीच आरोपियों को किस्तों में कुल 43 लाख रुपये दिए. यह रकम खाद्य निरीक्षक, हॉस्टल अधीक्षक और पटवारी पदों पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर ली गई थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (IPS) के निर्देश पर जांच शुरू की गई, जिसे एसडीओपी कोटा भारती मरकाम के निर्देशन में अंजाम दिया गया. इस दौरान यह स्पष्ट हुआ कि यह न सिर्फ आर्थिक अपराध है, बल्कि यह पूरे चयन प्रक्रिया और मेधावी अभ्यर्थियों के अधिकारों का भी अपमान है. इस प्रकरण में न्यायालय ने पैसे देकर नौकरी पाने की कोशिश करने वाले व्यक्ति को भी दोषी माना.
सतर्कता जरूरी: नौकरी के लिए विहित प्रक्रिया का पालन करें, झांसे में आकर धन और अवसर न गंवाएं.
गिरफ्तार आरोपी
विष्णु प्रसाद राजपूत (67), सीमा सोनी (29) और सूर्यकांत जायसवाल (55) को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 34 के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया. एक अन्य आरोपी जावेद खान उर्फ राजा पहले से ही अन्य प्रकरण में जेल में बंद है.