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अनेक साजिशों-षड्यंत्रों का बिछा जाल
दुर्ग- छत्तीसगढ़ का दुर्ग जिला इन दिनों चर्चा के केंद्र में हैं. जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र में एक फार्म हाउस से 500 पेटी शराब क्या पकड़ाई जिले के राजनेता,पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के सफेद कॉलर अब कथित भ्रष्ट आचरण की भेंट चढ़ चुके हैं. हैरत की बात यह है कि इस 500 पेटी शराब की कीमत 33 लाख 75 हजार रूपए आंकी गई है. इस प्रकरण का मजेदार और दिलचस्प पहलू यह है कि शराब वैध है या अवैध है इसे पुलिस अब तक साबित नहीं कर पाई है.
अब इस मामले में पाटन क्षेत्र के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वर्तमान भाजपा सांसद विजय बघेल अपनी राजनीतिक प्रतिद्धंदिता के चलते एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप मढ़ने पर आमादा हो गए हैं. इसमें सबसे अलग पुलिस का बयान मेल नहीं खाता. पुलिस ने 7 लोगों को आरोपी बनाया है. फार्म हाऊस के मालिक महेंद्र वर्मा को पुलिस ने फरार घोषित किया है.
पुलिस की हास्यास्पद कार्रवाई
कुम्हारी टोल प्लाजा से पीछा करते हुए जिस नाटकीय ढंग से 500 पेटी शराब से लदी ट्रक को पाटन क्षेत्र के वर्मा फार्म हाऊस से बरामद किया गया वह काफी हास्यास्पद है. यह भी कम हास्यास्पद नहीं है कि पाटन के थाना प्रभारी अनिल साहू और जिले के एएसपी अभिषेक झा के कहने पर शराब से भरी ट्रक को रात्रि में फार्म हाऊस में अंदर कराया. सुबह शराब की पेटियों को फार्म हाऊस के कर्मचारियों से ही पहले अनलोड कराया और फिर बाद में उन्हीं पेटियों को उसी ट्रक में लोड कराया. इतना ही नही पुलिस ने रात में ही जबरदस्ती फार्म हाऊस में बिना अनुमति के शराब से लदी ट्रक को घुसाकर झूठा मामला बनाकर फंसाने और मोबाइल जबरन छीन लेने की जानकारी फार्म हाऊस के कर्मचारियों ने न्यायालय में शपथ पत्र पेश किया है.
राज्य सरकार चुनाव से डर गई है: भूपेश
पाटन क्षेत्र में शराब पकड़े जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में बयान-बाजी तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आरोप है कि राज्य सरकार इस चुनाव से डर गई है और पुलिस के माध्यम से कांग्रेस को बदनाम करने के लिए खाली गोदामों में शराब रखी जा रही है.
कांग्रेस शासनकाल में शराब घोटाले: विजय
भाजपा सांसद विजय बघेल ने आरोप मढ़ा है कि कांग्रेस शासनकाल में जो शराब घोटाले हुए है. यह उसी का प्रतिफल है. ऐसा नहीं है कि सारी कार्रवाई बदले की भावना से की जा रही है, लेकिन कांग्रेस के शासन में जो शराब घोटाले हुए हैं उसकी छवि आज भी दिखाई दे रही है. सवाल यह उठ रहा है कि शराब की इतनी बड़ी खेप छत्तीसगढ़ कैसे पहुंची?
एसपी जितेंद्र शुक्ला का बयान
रात 12 से 1 बजे तक कुम्हारी से सेलूद निकलने वाले रास्ते पर और नेवई, उतई रोड, पतोरा निकलने वाला रास्ते पर व अमलेश्वर से पाटन निकलने वाले रास्ते पर पुलिस की टीम लगी हुई थी. शराब से भरा ट्रक फूंडा में कृषि फार्म हाऊस जो महेंद्र वर्मा का बताया गया है. वहां शराब उतरवाया गया. इसके साथ ही संदीप सोनी, आकाश अग्रवाल, तुलेश साहू, हेंमत राय, कमल किशोर गुप्ता आदि को पकड़ा गया. इन सबकी निशानदेही पर कई राजफाश हुए.
छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है. यहां दोनों पर मनमानी करने के आरोप लगे हैं. जब्त शराब पर जो स्टीकर लगा होता है उसका बैच नंबर, मैनू फैक्चरिंग डेट, किस राज्य में बेचना है उसकी अनुमति लिखी होती है. जिस डिस्टलरी या पैकेजिंग यूनिट से शराब निकलती है तो आबकारी विभाग का गेट पास बनता है. इसके बगैर शराब फैक्ट्री से बाहर ही नहीं निकल सकता. साथ ही ट्रांजिट पास (TP) भी बनता है. ट्रांजिट पास में शराब भेजने का रूट-मैप भी उल्लेखित रहता है. माल को किस स्थान से लेकर किस स्थान तक जाने वाली है उसमें वाहन का नंबर, चालक का नाम-नंबर, खरीददार का नाम, खरीददार किस तरह का अधिकृत है लिखा होता है. अगर इन सभी तथ्यों की जानकारी नहीं दी गई है तो इसका सीधा मतलब राजनीतिक रंजिश का खेल हो सकता है. इस तरह से कोई भी शराब निर्माता कंपनी, आबकारी विभाग, स्थानीय पुलिस (राजनीतिक हस्तक्षेप) के बिना अवैध रूप से शराब बाहर नहीं निकाल सकती. क्या ट्रक के मालिक को पकड़ा गया है? बगैर मालिक की सहमति से ड्राइवर 500 पेटी शराब भर ही नहीं सकता. सीधी-मऊ से अगर शराब लोड होकर छत्तीसगढ़ पहुंचती है तो उन्हें सड़कों पर अनेक टोल प्लाजा और पुलिस थानों का सामना करना पड़ेगा. ऑनलाइन फास्टैग के द्वारा ट्रक का वाहन शुल्क किस व्यक्ति के बैंक खाते से कटा? पैसा कटने की सूचना भी गाड़ी मालिक के मोबाइल नंबर पर आया होगा? तभी तो मालिक को उनकी ट्रक की पल-पल की जानकारी मिलती रही होगी? ऐसे अनेकों तथ्य हैं अगर पुलिस चाहे तो निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से विवेचना करे तो इस रहस्य से पर्दाफास जल्द ही हो जाएगा.
500 पेटी शराब से तहलका
ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र वर्मा के जिस फार्म हाऊस से 500 पेटी शराब जब्त की गई उनकी पत्नी उर्वशी वर्मा ग्राम पंचायत देवादा की सरपंच है और वर्तमान में जनपद पंचायत पाटन क्रमांक-11 से उम्मीदवार है.
पुलिस पर आरोप
पाटन क्षेत्र के ग्राम फूंडा चौंक के करीब स्थित फार्म हाऊस से 500 पेटी अवैध शराब बरामदगी के मामले में फार्म हाऊस के संचालक ने न्यायालय में पुलिस कर्मियों के खिलाफ परिवाद दायर किया है. इसमें 10 फरवरी को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने पाटन थाना प्रभारी अनिल साहू और दुर्ग एएसपी अभिषेक झा के खिलाफ आपराधिक परिवाद पर संज्ञान लेते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
आवेदकगणों में ग्राम देवादा(पाटन) निवासी भीखम लाल वर्मा, कुमारी वर्मा, महेंद्र कुमार वर्मा, मुकुन्द वर्मा,चेलाराम यादव, प्रेमलाल फूंडा, चंद्रभान पोयाम के अधिवक्ताओं के निवेदन पर न्यायालय ने तत्काल थाना पाटन को सीसीटीवी फूटेज को सुरक्षित रखने के निर्देश भी दिए हैं.
बड़ी साजिश
अपने परिवाद में महेंद्र वर्मा ने स्वयं न्यायालय में उपस्थित होकर यह कहा है कि दुर्ग एसपी और एएसपी दोनों ने मिलकर महेंद्र वर्मा को फरार होना बता रहे हैं. वो इस तरह फार्म हाउस की सम्पत्ति को भी जब्त करने की कार्रवाई करेंगे. ऐसा करके वे भय उत्पन्न करना चाहते हैं. दोनों अधिकारी उसे झूठे मामले में फंसाना चाहते हैं, जबकि अवैध शराब मामले में उसका या उसके परिवार का कुछ लेना-देना नहीं है. शराब खपाने के उद्धेश्य से पकड़ाई गई शराब किसके लिए मंगाई गई. इसका सरगना कौन है? इतने तथ्य प्रस्तुत करने के बाद भी पुलिस जांच आखिर किस दिशा में कर रही है? समझ से परे है.
छत्तीसगढ़ की सामान्य जनता के द्वारा इस पूरे शराब कांड पर यह सवाल उठा रहे हैं कि कहीं यह कांड राजनीतिक रंजिश के तहत किया गया षड्यंत्र तो नहीं है? इसमें राजनीतिक प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए पुलिस के द्वारा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी कार्यकर्ता एवं प्रतिष्ठित लोगों की छवि को धूमिल करने के लिए कार्रवाई तो नहीं की जा रही है? सच बात तो यह भी है कि एक ट्रक में 500 पेटी शराब, बिना शराब निर्माता कंपनी के सहयोग के बाहर बेचने के लिए ले जाया ही नहीं जा सकता? पूर्व मुख्यमंत्री के खास पाटन ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं कांग्रेसी लोग इतने मूर्ख हैं कि अपने फार्म हाऊस पर अवैध शराब को डंप करवा लें? ऐसे कई सवाल जो पुलिस की कार्रवाई को संदेह और राजनीतिक प्रभाव से दबाव पूर्वक होने वाली स्थिति क्या भान नहीं कराती?
अनसुलझे सवाल
- पाटन के एक फार्म हाऊस में 500 पेटी अवैध शराब (ब्रांड गोवा, प्लास्टिक का पौव्वा 180ml) वाहन क्रमांक MP 46 H 0513 से उतरते हुए दुर्ग जिला पुलिस ने पकड़ा. पुलिस के मुताबिक शराब मध्यप्रदेश के धार-मऊ से लाई गई थी. पुलिस का कहना है कि 500 पेटी अवैध शराब जब्त की गई है और पुलिस उक्त वाहन का पीछा कुम्हारी टोल प्लाजा से कर रही थी जबकि धार-मऊ मध्यप्रदेश से कोई भी वाहन पाटन दुर्ग जिले के लिए आएगा तो वह कुम्हारी क्यों जाएगा?
- रात्रि 2 बजे पुलिस ने स्वयं ट्रक को फार्म हाऊस में जबरदस्ती अंदर करवाया और वहां पर काम करने वाले मजदूरों से खाली करवाया उन मजदूरों को धमकाया गया और उनके मोबाइल छीन लिए गए और उन्हीं मजदूरों के द्वारा ट्रक से उतरवाए हुए माल को फिर से लोड करवाया. इस संबंध में संबंधित न्यायालय के समक्ष यह तथ्य मय शपथपूर्वक कहा गया जिस पर न्यायालय की ओर से विशेष निर्देश दिए गए हैं.
- 500 पेटी शराब जब्त होने के बाद पुलिस विभाग की ओर से शराब का ब्रांड और बैच नंबर निर्माण की तिथि, निर्माता कंपनी का पता या ट्रक ड्राईवर एवं क्लीनर से प्राप्त दस्तावेजों के बारे में कोई जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई?
- गोवा ब्रांड की शराब बनाने वाली छत्तीसगढ़ राज्य की प्रसिद्ध कंपनी भिलाई एवं कुम्हारी में स्थित है. धार या मऊ मध्यप्रदेश से लाई गई जिस शराब के बारे में दुर्ग जिला पुलिस द्वारा बताया जा रहा क्या इन दोनों तथ्यों का आपस में कोई संबंध तो नहीं है? इस बारें में बारिकी से जांच किया जाना आवश्यक है.
- वाहन क्रमांक MP 46 H 0513 के चालक आजम मंसूरी, क्लीनर संतोष मानकर इन दोनों के मोबाईल नंबरों का पुलिस द्वारा घटना दिनांक से पीछे कुछ दिनों की कॉल डिटेल एवं यात्रा संबंधी प्रमाण पत्र के बारे में भी दुर्ग जिला पुलिस कुछ नहीं बता रही है. जो कि इस घटना की सच्चाई का पर्दाफाश करने के लिए अतिआवश्यक है.