प्रशासन ने डेढ़ एकड़ से बढ़ाकर 2 एकड़ भूमि स्वर्णिम भारत महाकुंभ के लिए की आवंटित
भिलाई – नववर्ष के आगमन 2025 में होने वाले प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में आयोजित विश्व के सबसे बड़े महाकुंभ में अंतर्राष्ट्रीय संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा स्वर्णिम भारत महाकुंभ का आयोजन कुंभ मेला क्षेत्र, सेक्टर-7, बजरंग दास मार्ग, प्रयागराज, उ.प्र. में किया जा रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय संस्था के वैश्विक स्तर पर कार्यों को देखते हुए प्रशासन ने डेढ़ एकड़ से बढ़ाकर 2 एकड़ भूमि स्वर्णिम भारत महाकुंभ के लिए आवंटित की है. महाकुंभ 2025 में भिलाई ब्रह्माकुमारीज को चैतन्य देवियों की झांकी तथा स्वर्णिम सनातन भारत दर्शन की बड़ी जिम्मेदारी मिली है.
इसी क्रम में आज प्रातः राजयोग सत्र के पश्चात चैतन्य दैवी झांकी मेला सामग्री एवं चित्र प्रदर्शनी, मूर्तियों के ट्रक के सामने श्रीफल फोड़कर परमात्म शिव पिता की याद में आशा दीदी हरि झंडी दिखाकर रवाना किया.
आशा दीदी ने इस स्वर्णिम भारत महाकुंभ के बारे में बताया कि इसका उद्देश्य भारत को पुनः विश्व गुरु स्वर्णिम संपन्न भारत बनाना तथा पूरे विश्व में परमात्मा शिव के आगमन का संदेश देकर राजयोग मेडिटेशन द्वारा उस परम शक्ति की अनुभूति कराना है.
संस्था के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू में भिलाई को विश्व की भलाई करने वाले कथन से संबोधित किया जाता है,क्योंकि भिलाई आशा दीदी के नेतृत्व व कुशल मार्गदर्शन में इसके पूर्व में संपन्न हुए प्रयागराज एवं उज्जैन महाकुंभ में भी चैतन्य देवियों की झांकी का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है.
ज्ञात हो कि आशा दीदी की अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू एवं प्रयागराज मेला प्रशासन अधिकारियों के साथ मीटिंग एवं भूमि आवंटित तक मुख्य भूमिका रही. इस स्वर्णिम भारत महाकुंभ में 40 फीट ऊंची चैतन्य देवियों की झांकी,द्वादश ज्योतिर्लिंग अमरनाथ दर्शन, सोई हुई मानवता(कुंभकरण शो),आदर्श गोकुल गांव, राजयोग अनुभूति कक्ष, अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव, शाश्वत यौगिक खेती, आत्मनिर्भर किसान, ग्राम विकास से राष्ट्र विकास, स्वर्णिम सनातन भारत दर्शन, भारत गौरव यात्रा,माइंड स्पा क्लिनिक, विज्ञान और आध्यात्म स्टाल मुख्य रहेंगे.