
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो दिन पहले सरकारी भवनों की रंगाई में गोबर से बने पेंट का इस्तेमाल अनिवार्य करने का फैसला लिया था. उन्होंने कहा, अगर ऐसा नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही भी की जाएगी. सरकार ऐसा आदेश पहले निकाल चुकी है. लेकिन कुछ निर्माण विभागों में इसका अनुपालन नहीं होने की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने कार्रवाई की चेतावनी दी थी. यह खबर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तक पहुंची तो वे तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए.
गुरुवार को नितिन गडकरी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, छत्तीसगढ़ के सरकारी विभागीय निर्माणों में गोबर से बने प्राकृतिक पेंट के इस्तेमाल का आग्रह करते हुए अधिकारियों को निर्देश देने के लिए मैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का अभिनंदन करता हूं. उनका यह निर्णय सराहनीय और स्वागत योग्य है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में MSME मंत्री रहते हुए हमने इसकी शुरुआत की थी. प्राकृतिक पेंट का उपयोग न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा बल्कि किसानों को रोजगार का नया अवसर भी प्रदान करेगा. जिससे देश के किसानाें को लाभ होगा.
नितिन गडकरी के ट्वीट पर मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, सादर धन्यवाद! आदरणीय नितिन गडकरी जी. छत्तीसगढ़ की सरकार के इस कर्मयोग को एक “कर्मयोगी’ ही समझ सकता है. सिर्फ बातों से नहीं, नेक इरादों से देश और प्रदेश दूसरों के लिए प्रेरणा बनते हैं. गोधन और श्रम का सम्मान गांधी का रास्ता है. हम उसी पर आगे बढ़ रहे हैं.
2020 में केंद्र सरकार ने की गोबर से पेंट करने की घोषणा
मंत्री नितिन गडकरी ने गोबर से पेंट बनाने की योजना की घोषणा 17 दिसम्बर 2020 को की थी. उस समय उन्होंने कहा था, हम जल्द ही गाय के गोबर से बना वैदिक पेंट लॅान्च करने वाले हैं. इससे पशुधन रखने वाले किसानों को हर साल करीब 55 हजार रुपए का फायदा होगा.
छत्तीसगढ़ में अप्रैल 2022 से बन रहा पेंट
छत्तीसगढ़ में रायपुर के हीरापुर जरवाय गोठान में अप्रैल 2022 से गोबर से पेंट बनाने का काम शुरू हुआ था. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के सहयोग से छत्तीसगढ़ में भी स्व-सहायता समूहों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया. बाद में चारामा के सराधुनवागांव की गोठान में भी यह पेंट बनने लगा.
अधिकारियों का कहना है, केमिकल युक्त पेंट की कीमत 350 रुपए प्रति लीटर से शुरू होती है. गोबर वाला पेंट 150 रुपए से शुरू है. यह पेंट एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल है साथ ही घर के दीवारों को गर्मी में गर्म होने से भी बचाता है. उत्पादन शुरू होने के साथ ही सरकार ने सभी विभागों को आदेश दिया था कि सरकारी भवनों की रंगाई-पुताई में गोबर से बने पेंट का ही उपयोग होगा.