
हाइटेक हॉस्पिटल में युवती की जबड़ा प्रत्यारोपण सर्जरी
भिलाई- हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में एक 28 वर्षीया युवती की जबड़ा प्रत्यारोपण सर्जरी की गई. सिंगल स्टेज में इस सर्जरी की संभवतः जिले में यह पहली घटना है. युवती का निचला जबड़ा अविकसित रह गया था जिसके कारण भोजन करने में दिक्कत तो थी ही, ठोढ़ी नहीं होने के कारण रोगी को मानसिक परेशानी से भी गुजरना पड़ रहा था.
हाइटेक की मैक्सिलोफेशियल एंड ऑर्थोग्नैथिक सर्जन डॉ आफरीन आफताब ने बताया कि युवती के जबड़े के दोनों तरफ के जोड़ जम गए थे. इसे बाइलैटरल टीएमजे एंकिलोसिस कहा जाता है. इसके साथ ही उसके निचली जबड़े विकसित नहीं थे जिसके कारण ठुड्डी दिखाई नहीं देती थी. इसे बर्ड फेस डीफॉर्मिटी कहते हैं. इसके कारण दांत आपस में सही तरीके से नहीं बैठते. इसकी वजह से भोजन को चबाने में भी दिक्कत होती है.
डॉ आफरीन ने बताया कि सबसे पहले युवती के टीएमजे एंकिलोसिस को रिलीज किया गया. इससे जबड़ों में हरकत लौट आई. इसके बाद दोनों तरफ के जबड़ों के जोड़ों का प्रत्योरोपण कर दिया गया. साथ ही उसके निचले एवं ऊपरी जबड़े की कॉस्मेटिक सर्जरी की गई. अब ठोढ़ी दिखाई देने के कारण चेहरा सुन्दर हो गया है.
जन्मजात होती है विकृति
निचले जबड़े से जुड़ी यह विकृति जन्मजात होती है. समय के साथ समस्या बढ़ती चली जाती है. किसी का निचला जबड़ा सामने की ओर निकला होता है तो किसी का इतना छोटा होता है कि ठोढ़ी दिखाई नहीं देती. इससे चेहरे की सुन्दरता तो प्रभावित होती ही है जबड़े के संचालन में भी दिक्कत होती है. कभी-कभी जबड़ा जम जाता है. यह एक जटिल सर्जरी है जिसमें कई स्टेज होते हैं. पर हाइटेक में यह सर्जरी सिंगल स्टेज में की गई.