
रसूखदार RI और पटवारी के चंगुल में अधिकारी?
दुर्ग- तबादला नीति इसलिए बनाया गया है ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सके, लेकिन क्या तबादला नीति का परिपालन हो रहा. तबादला नीति लूट खसोट करने के लिए रह गई है. बार-बार ट्रांसफर आदेश जारी होने से आम जनता को परेशानी तो हो ही रही है साथ ही राजस्व अधिकारी कौन है पता ही नहीं चल पाता कि हमारे हल्का नंबर का आरआई कौन है. जारी आदेश से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मंत्री और विधायकों का दबाव इतना है कि बार-बार ट्रांसफर सूची निकाला जा रहा है. कुछ ऐसा ही मामला जिला दुर्ग में राजस्व विभाग पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों की तबादला सूची जारी करती है व्यवस्थाओं के तहत पर पटवारी, आरआई सिर्फ वही नवीन पदभार ग्रहण करते है जिनके पास कोई प्रभाव नहीं होता, बाकी प्रभाव वाले अपने सेटिंग कर या पैसा देकर अपना ट्रांसफर यथावत करवा लेते है.
क्या अधिकारी अपनी कमाई के लिए ऐसी सूची जारी करते है ताकि लोग अपने कमाई वाले जगह से जाने के बजाय दान दक्षिणा चढ़ा कर जाए? सूत्रों की माने तो जिले में कुछ ऐसा ही चल रहा है. जिले के राजस्व विभाग में 25 अक्टूबर 2024 को कलेक्टर द्वारा 08 राजस्व निरीक्षकों का ट्रांसफर आदेश जारी किया गया जिसमें घनश्याम चंद्राकर को राजस्व निरीक्षक मंडल उतई स्थानांतरण किया. फिर 3 दिसंबर 2024 को कलेक्टर द्वारा 03 राजस्व निरीक्षक और अनुविभागीय अधिकारी द्वारा 02 पटवारी का ट्रांसफर आदेश जारी किया गया लेकिन एक सप्ताह बाद 10 दिसंबर 2024 को फिर एक स्थानांतरण आदेश को निरस्त करने का आदेश जारी किया गया जिसमें 25 अक्टूबर को निकाले गए स्थानांतरण आदेश को निरस्त करते हुए पुन: उसी जगह पर ट्रांसफर कर दिया गया.
राजस्व निरीक्षक घनश्याम चंद्राकार को 25 अक्टूबर 2024 को भू-अभिलेख शाखा से उतई ट्रांसफर किया जाता है फिर 03 दिसंबर 2024 को उतई से अंजोरा ख ट्रांसफर किया जाता है. पुन: 10 दिसंबर 2024 को स्थानांतरण आदेश को निरस्त करते हुए घनश्याम चंद्राकर को पुन: अंजोरा ख से उतई ट्रांसफर कर दिया जाता है. आखिर कलेक्टर द्वारा एक राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी को उसी-उसी हल्का पर ट्रांसफर क्यों करना पड़ रहा है? राजस्व विभाग की क्या मजबूरी थी कि पटवारी सूर्यकांत को पुन: पुलगांव में ही स्थानांतरण कर दिया. जबकि पूर्व में भी 3 वर्ष पुलगांव में पदस्थ थे. इनके द्वारा काले करनामे उजागर होने के बाद तत्कालिन तहसीलदार प्रेरणा सिंह ने पटवारी को नोटिस जारी किया था. तहसीलदार द्वारा 1 मई 2023 को समाचार के पत्र प्रकाशन के बाद 2 मई 2023 को बोरसी पटवारी सूर्यकांत निषाद को शो कॉज नोटिस जारी किया गया था फिर उसे 3 दिसंबर को पुलगांव से चंगोरी ट्रांसफर किया गया. पुलगांव में पिछलें दिनों नाला पाटने का भी मामला उजागर हुआ था जिसमें पुलगांव नाले पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा नाले को पाटकर बाउंड्री वाल खड़ा कर दिया था. जानकारी के मुताबिक इस नाले की औसत चौड़ाई 16 मीटर है लेकिन मौके पर यह 12 मीटर भी नहीं है. आखिर इस पटवारी को पुलगांव ही क्यों पदस्थ किया जाता है? यह जांच का विषय है.