
कलेक्टर ने बोरेंदा और केसरा में किया निरीक्षण, हर ब्लाक में पांच फलोद्यान लगाने के दिये निर्देश
बच्चों के पोषण के लिए अंडे और केले की होगी व्यवस्था
दुर्ग – कलेक्टर मीणा ने जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए और लोगों को जैविक उत्पादों की सुलभ उपलब्धता के लिए माडल बाड़ियों पर काम करने के निर्देश दिये थे. इन माडल बाड़ियों में विशेषज्ञों द्वारा जमीन की जरूरत के मुताबिक सब्जी की फसल चिन्हांकित की गई है. इन माडल बाड़ियों में हो रहे कार्य का निरीक्षण करने आज कलेक्टर पाटन ब्लाक के बोरेंदा और केसरा पहुंचे. उनके साथ जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन भी मौजूद रहे.
केसरा में डेढ़ एकड़ में भिंडी की फसल लगाई जा रही थी. यहां उन्होंने अमरूद का प्लांटेशन भी देखा. कलेक्टर ने कहा कि पांच फलोद्यान हर ब्लाक में लगाएं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन बाड़ियों से उत्पादित होने वाली फल-सब्जी आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों में उपयोग में लाई जाए. साथ ही जैविक मार्ट के लिए भी सामग्री यहां से जाएगी. इस मौके पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक साहू भी मौजूद रहे.
बच्चों के सुपोषण के लिए अंडे और केले
कलेक्टर ने बोरेंदा में आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण भी किया. उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को बच्चों के पोषण के लिए अंडे और केले खिलाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों का चिन्हांकन करें जहां अंडे का चलन हो. आंगनबाड़ी केंद्र में सिर्फ केले खिलाए जाएंगे. ऐसे परिवार जहां अंडे का चलन हो, उनके घरों में बच्चों के पोषण के लिए अंडे भेजे जाएंगे. उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ियों में आने वाले बच्चों के परिवारों से सर्वे कर यह जानकारी प्राप्त करें ताकि शीघ्रता से इस दिशा में काम आरंभ किया जा सके.
रानीतराई में स्वामी आत्मानंद स्कूल का निरीक्षण किया, फुल अटेंडेंस पर प्रशंसा की
कलेक्टर ने रानीतराई में स्वामी आत्मानंद स्कूल का निरीक्षण भी किया, यहां 12वीं क्लास में वे पहुंचे. 44 दर्ज संख्या थी और 43 छात्र उपस्थित थे. कलेक्टर ने इस पर शिक्षकों की प्रशंसा की. इस दौरान केमेस्ट्री की क्लास चल रही थी. कलेक्टर ने एक रियेक्शन का समीकरण पूछा. बच्चों ने सही जवाब दिया, इस पर उन्होंने प्रशंसा जताई. कलेक्टर ने यहां की स्ट्रेंथ को देखते हुए अतिरिक्त फ्लोर का निर्माण करने के निर्देश भी दिये.
रानीतराई स्टेडियम का निरीक्षण किया
कलेक्टर ने रानीतराई का स्टेडियम देखा. स्टेडियम का काम अभी 60 प्रतिशत तक हो चुका है. इसके समयसीमा पर निर्माण के निर्देश कलेक्टर ने दिये. यहां पर इंडोर और आउटडोर दोनों तरह के गेम्स की व्यवस्था है. कलेक्टर ने यहां पर वेटलिफ्टिंग, कराटे और लान टेनिस आदि का इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार करने के निर्देश दिये. साथ ही इनके संचालन के लिए और मेंटेनेंस के लिए भी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये.
केसरा गौठान में आजीविकामूलक गतिविधियों का किया निरीक्षण
केसरा गौठान में आजीविकामूलक गतिविधियों भी कलेक्टर ने देखी. उन्होंने यहां मुर्गीपालन, मछलीपालन जैसी गतिविधियां देखीं. साथ ही दाल और तेल पेराई का काम भी देखा. उन्होंने यहां मुर्गी शेड की कैपेसिटी बढ़ाने भी निर्देश दिये. यहां ड्रैगन फ्रूट के पौधे भी लगाए गये हैं. इसके संवर्धन के संबंध में भी सुझाव उन्होंने दिये. कलेक्टर ने यहां निर्माणाधीन गोबर पेंट बनाने का यूनिट भी देखा. कलेक्टर ने यहां बढ़िया दूध देने वाली साहीवाल और गिर प्रजाति की गाय रखने भी निर्देश दिये ताकि समूह दुग्ध व्यवसाय की दिशा में बढ़ सकें.
कौही लिफ्ट इरीगेशन का कार्य भी देखा
कलेक्टर ने कौही लिफ्ट इरीगेशन स्कीम का कार्य भी देखा. इस स्कीम के पूरा होने से आसपास के गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था हो सकेगी. कलेक्टर ने इस कार्य को समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिये.