राजीव गांधी हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला दिया है. अदालत ने सभी 6 दोषियों की रिहाई का आदेश दिया है. इनमें नलिनी और आरपी रविचंद्रन भी शामिल हैं. ये सभी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.
18 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में दोषी पेरारिवलन को रिहाई का आदेश दिया था. बाकी दोषियों ने भी उसी आदेश का हवाला देकर कोर्ट से रिहाई की मांग की थी. नलिनी और रविचंद्रन दोनों 30 साल से ज्यादा का वक्त जेल में गुजार चुके हैं.
ये 6 दोषी होंगे रिहा
राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस को रिहा करने के आदेश दिया है. पेरारिवलन पहले ही मामले में रिहा हो चूके हैं.
सोनिया ने दोषी नलिनी को माफ कर दिया था
जब नलिनी को राजीव गांधी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, तब वह गर्भवती थी. उसकी प्रेग्नेंसी को दो महीने हो गए थे. तब सोनिया गांधी ने नलिनी को माफ कर दिया था. उन्होंने कहा था कि नलिनी की गलती की सजा एक मासूम बच्चे को कैसे मिल सकती है, जो अब तक दुनिया में आया ही नहीं है.
इससे पहले भी दोषियों की रिहाई को कोशिशें हुईं
राजीव गांधी की हत्या के मामले में ट्रायल कोर्ट ने साजिश में शामिल 26 दोषियों को मृत्युदंड दिया था. मई 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने 19 लोगों को बरी कर दिया. बचे हुए सात में से चार आरोपियों (नलिनी, मुरुगन उर्फ श्रीहरन, संथन और पेरारिवलन) को मृत्युदंड सुनाया और बाकी (रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार) को उम्रकैद. चारों की दया याचिका पर तमिलनाडु के राज्यपाल ने नलिनी की मृत्युदंड को उम्रकैद में बदला. बाकी आरोपियों की दया याचिका 2011 में राष्ट्रपति ने ठुकरा दी.
चुनावी रैली में हुई थी राजीव गांधी की हत्या
राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान धनु नाम की एक लिट्टे आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी. लिट्टे की महिला आतंकी धनु (तेनमोजि राजरत्नम) ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छूए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया. धमाका इतना जबर्दस्त था कि कई लोगों के चीथड़े उड़ गए. राजीव और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए.
राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने. लोकसभा चुनावों में कांग्रेस तीन-चौथाई सीटें जीतने में कामयाब रही थी. उस समय कांग्रेस ने 533 में से पार्टी ने 414 सीटें जीतीं. राजीव जब प्रधानमंत्री बने, तब उनकी उम्र महज 40 साल थी. वे देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे. उन्होंने अपने कार्यकाल में स्कूलों में कंप्यूटर लगाने की व्यापक योजना बनाई. राजीव गांधी के कार्यकाल में ही जवाहर नवोदय विद्यालय स्थापित हुए. गांव-गांव तक PCO के जरिए टेलीफोन पहुंचे.