
जीएडी ने हर विभाग को पत्र लिखकर ऐसे कर्मचारियों का ब्योरा मांगा
रायपुर- भूपेश बघेल सरकार प्रदेश के संविदा और अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की तैयारी में है. शासन स्तर पर इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है. सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने 30 सितंबर को सभी विभागों को पत्र लिखकर सभी अनियमित और संविदा कर्मचारियों की जानकारी मांगी है. पूरा डेटा मिलने के तुरंत बाद वित्त विभाग आंकलन करेगा कि अगर नियमित करने का फैसला लिया जाता है, तो इससे शासन पर कितना वित्तीय भार आएगा. हालंकि सूत्रों के मुताबिक 45 हजार कर्मचारियों को नियमित करने का शासन ने 700-800 करोड़ रूपए साल का ही भार आने वाला है. कांग्रेस ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र में अनियमित और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. सूत्रों के मुताबिक इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार इस साल दिसंबर तक सारी प्रक्रिया पूरी कर लगी और जनवरी- फरवरी (चुनावी साल) में इसकी घोषणा की जा सकती है. हालंकि आला अफसर इस मामले में खामोश है. वित्त और सामान्य प्रशासन विभाग के आला अफसरों ने इस मामले में टिप्प्णी से मना किया.
सीएम भूपेश ने दो बार विधानसभा में दे चुके लिखित जवाब-
जुलाई 2021 में रिक्त पद के विरूद्ध अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा
जुलाई 2022 नियमितीकरण के लिए वित्त ने विधि विभाग से जानकारी मांगी है.
प्राथमिक तौर पर यही अनिवार्य
अनियमित, दैनिक वेतनभोगी, संविदा में प्रक्रिया का पालन किया गया हो, उपरोक्त कर्मचारी पद की निर्धारित शैक्षणिक, तकनीकी योग्यता रखते हैं, जिन पदों पर नियमितीकरण, वह विभाग की पद संरचना में स्वीकृत हैं, वर्तमान में कार्यरत् पद पर क्या मानदेय भुगतान किया जा रहा है, कर्मचारी किस पद पर, अभी क्या वेतन, उसी नियमित पद पर क्या वेतन?
राजस्थान ने हाल में किया
राजस्थान सरकार ने 21 अक्टूबर को आदेश जारी कर 30 हजार संविदाकर्मियों को नियमित कर दिया. इनमें पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पाराशिक्षक के पद शामिल है. तीनों को अब शुरूआत में 10,400 रूपए वेतन मिलेगा. गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी कांग्रेस ने चुनावी घोषणा-पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था. राजस्थान सरकार अशोक गहलोत ने दिवाली के पहले यह सौगात दी है.
इस मामले में अब
कांग्रेस ने चुनाव 2018 के घोषणा-पत्र में राज्य के अनियमित कर्मचारियों के नियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का उल्लेख किया था, 11 दिसंबर 2019 को प्रमुख सचिव वणिज्य एवं उद्योग, सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में एक समिति का गठन भी, 16 सितंबर 2022 को कर्मचारी संगठनों की मांगो पर परीक्षण के लिए प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में एक और कमेटी बनी
ज्यादा बजट नही लगेगा: संगठन
प्रदेश के तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश संरक्षक विजय के मुताबिक प्रदेश में 40-45 हजार कर्मचारी ही अनियमित या संविदा के तौर पर विभिन्न विभागों में पदस्थ हैं. उन्हें नियमित करने में बहुत ज्यादा बजट नहीं लगेगा. अगर सरकार जल्द निर्णय नहीं लेती है तो अनियमित कर्मचारी 20 नवंबर से फिर हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं. उनकी एकमात्र मांग नियमितीकरण भी है.