
नई दिल्ली : देश के गौरव का प्रतीक बनने जा रहे राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में नए संसद भवन बन कर तैयार है, जिसका उद्घाटन 28 मई को किया जाएगा. नए संसद भवन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किसे करना चाहिए, अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इसको लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर आज सुनवाई होगी. बता दें कि 28 मई को पीएम मोदी संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करने वाले हैं.
याचिकाकर्ता का कहना है कि लोकसभा सचिवालय और भारत सरकार राष्ट्रपति का अपमान कर रही है, उन्हे नए संसद भवन के उद्घाटन में नहीं बुलाकर उनका अपमान किया गया है. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील जया सुकीन ने दायर की है. दरअसल जिस तरह से 28 मई को संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया जाना है उसको लेकर पिछले कुछ दिनों ने जबरदस्त विवाद चल रहा है. तकरीबन 20 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है.
19 मई को विपक्ष की ओर से साझा बयान सामने आया था, जिसमे कहा गया था कि लोकतंत्र की आत्मा को संसद के बाहर खत्म कर दिया गया है, हमे नई बिल्डिंग में कोई मूल्य नजर नहीं आ रहा है. वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए इसकी आलोचना की है और इसे तिरस्कारपूर्ण फैसला बताया है. सत्तारूढ़ एनडीए की ओर से कहा गया है कि यह बहुत ही अपमानजनक है, भारत जैसे महान देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का और संवैधानिक मूल्यों का यह तिरस्कार है.
सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील जया सुकीन ने अपनी याचिका में कहा है कि राष्ट्रपति देश का पहला नागरिक है और, संसद का मुखिया भी है. बता दें कि हाल ही में ओम बिरला ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें नई बिल्डिंग के उद्घाटन के लिए न्योता दिया था. पीएम मोदी ने 2020 में इस बिल्डिंग की आधारशिला रखी थी. लेकिन अधिकतर विपक्षी दल इस कार्यक्रम से दूर रहे थे.