
बलरामपुर : छत्तीसगढ़ में कई सारे पुरातात्त्विक स्थल हैं. बलरामपुर जिले का डीपाडीह कला उन प्रमुख स्थलों में से एक है. डीपाडीह प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. यहां के आसपास के क्षेत्र में आठवीं से लेकर चौदहवीं शताब्दी के पुरातात्त्विक अवशेष मिले हैं.
इस बार बलरामपुर जिले के अमदंडा गांव के प्राचीन चंडीमाता धाम में खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं. साथ ही हनुमान जी का गदा, शिवलिंग के अवशेष भी मिले. इसके बाद से क्षेत्र में यह मामला कौतूहल का विषय बना हुआ है. जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है.
पुरातात्त्विक मसलों के जानकार अविनाश सिंह के मुताबिक, यह प्राचीन अवशेष 12वीं से 14वीं शताब्दी के बीच का है. उन्होंने कहा कि बलरामपुर जिले के डीपाडीह, बाबा बच्छराज कुंवर धाम और अन्य स्थानों पर भी प्राचीन अवशेष 12वीं से 14वी शताब्दी के पाए गए हैं और यह भी अवशेष उसी समय का है.
पूर्वज करते थे पूजा-पाठ
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस स्थान पर उनके पूर्वज पूजा-अर्चना किया करते थे. यहां पूजा करनेवालों की सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस धाम पर चबूतरा निर्माण का कार्य किया जाना था, जिसके लिए नींव की खुदाई का कार्य गांव के लोगों द्वारा किया जा रहा था. खुदाई के दौरान हनुमान जी की गदा, शिवलिंग समेत प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं, जिससे लोगों में और भी उत्साह उमंग चरम पर है.
पहले मिल चुके हैं कई अवशेष
बता दें बलरामपुर जिले का डीपाडीह प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. यहां मिले उरांव टोला शिव मंदिर, सावंत सरना प्रवेश द्वार, महिषासुर मर्दिनी की विशिष्ट मूर्ति, पंचायतन शैली की शिव मंदिर, लक्ष्मी की मूर्ति, उमा महेश्वर की आलिंगनरत मूर्ति, भगवान विष्णु, कुबेर, कार्तिकेय की कलात्मक मूर्तियां देखने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं.