
देशभर में आज हनुमान जन्मोत्सव का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के बोटाद जिले के सलंगपुर मंदिर में भगवान हनुमान की 54 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. इसके अलावा अमित शाह ने सलंगपुर हनुमान मंदिर में श्री कष्टभंजनदेव भोजनालय का उद्घाटन किया. यह भोजनालय 7 एकड़ में बनाया गया है.
अहमदाबाद से करीब 150 किलोमीटर दूर सलंगपुर हनुमान मंदिर परिसर में यह प्रतिमा बनी है. जानकारी के अनुसार, पंचधातु से बनी 30 हजार किलो वजन की इस प्रतिमा को सात किमी की दूरी से देखा जा सकता है. इसके अलावा इस प्रतिमा की लागत छह करोड़ रुपये है. कष्टभंजन हनुमान मंदिर की स्थापना विक्रम संवत 1905 में हुई थी. इसका निर्माण सद्गुरु गोपालानंद स्वामी ने करवाया था. गुजरात के बोटाद जिले के सलंगपुर में बने कष्टभंजन हनुमान को यहां हनुमान दादा के नाम से पुकारा जाता है.
क्या है मंदिर की मान्यता?
ऐसी मान्यता है कि यहां आने से लोगों को शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. कहा जाता है कि बहुत पहले ऐसा समय था जब लोग शनिदेव का प्रकोप झेल रहे थे तब भक्तों ने हनुमान जी की आराधना की थी. जिसके बाद हनुमानजी ने लोगों को शनिदेव के प्रकोप से मुक्त कराया था.
ऐसी मान्यता है कि लोगों पर हो रहे शनिदेव के प्रकोप की वजह से हनुमान जी को गुस्सा आ गया था, जिसके बाद वह शनिदेव से युद्ध के लिए निकले थे, लेकिन जब शनिदेव को इस बात का पता चला तो वह इसका उपाय सोचने लगे. बजरंगबली से बचने के लिए शनिदेव ने एक स्त्री का रूप धारण कर लिया क्योंकि वह जानते थे कि हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं तो वह स्त्री पर कभी हाथ नहीं उठाएंगे. लेकिन हनुमानजी ने शनिदेव को पहचान लिया. जिसके बाद शनिदेव हनुमान जी के चरणों में गिरकर माफी मांगने लगे तब बजरंगबली ने उन्हें अपने पैरों के नीचे रख लिया. तभी से कष्टभंजन हनुमान मंदिर में शनि देव स्त्री के रूप में बजरंगबली के पैरों के नीचे विराजमान हैं और इसी रूप में उनकी पूजा की जाती है.