
गोदी मीडिया का कमाल
मुद्दों से भटकाव
देश में राजनैतिक भाषणों के दौरान जुबान फिसलने की घटनाएं यदाकदा हो जाती है लेकिन इस बात को लेकर किसी व्यक्ति की नीयत या काबिलियत पर सवाल उठाना या उस बात को मीडिया के माध्यम से ब्रेकिंग न्यूज बनाकर उस पर डिबेट करा कर आम लोगों का मनोरंजन का साधन बनाना तर्कसंगत नहीं है. संभवतः इस तरह की चर्चाओं से उस व्यक्ति के प्रचार या दुष्प्रचार से अधिक गोदी मीडिया के टी आर पी बटोरने में अवश्य लाभ होता होगा. राजनीति के गलियारों में जुबान फिसलने की परिपाटी नई नहीं है लेकिन विगत कुछ वर्षों से इस तरह की घटनाओं पर जमकर प्रतिक्रिया होने लगी हैं जो स्वच्छ राजनीति के लिए उचित नहीं है. कोई भी राजनेता क्यों न हो भाषण के तारतम्यता में कभी-कभी जुबान फिसल जाती है, लेकिन इस बात से उस व्यक्ति की बुद्धिमता पर सवाल उठान तर्कसंगत नहीं है.
4 सितम्बर 2022 को राहुल गांधी देश में बढ़ रही महंगाई के विरोध में दिल्ली के रामलीला मैदान में महंगाई पर हल्ला बोल सभा को संबोधित कर रहे थे. चीजों की बढ़ी हुई कीमित का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “2014 में एलपीजी का सिलेंडर 410 रुपए का था, आज 1050 रुपए का है, पेट्रोल 70 रुपए लीटर आज तकरीबन 100 रुपए लीटर. डीजल 55 रुपए लीटर आज 90 रुपए लीटर, सरसों का तेल 90 रुपए लीटर आज 200 रुपए लीटर, दूध 35 रुपए लीटर आज 60 रुपए लीटर, आटा 22 रुपए लीटर आज 40 रुपए लीटर…अअ केजी (किलोग्राम)”. लीटर लीटर बोलते हुए गलती से उन्होंने आटा के लिए किलो की जगह लीटर कह दिया जिसे उन्होंने तत्काल सुधार भी लिया था. पर अधूरा वीडियो पोस्ट करके लोग खूब मजे ले रहे हैं. पर ऐसा नहीं है कि जुबान केवल राहुल गांधी की फिसलती है. जुबान तो ठहराव के साथ बोलने वाले पीएम मोदी की भी फिसलती है. अमित शाह भी इसके अपवाद नहीं हैं.
जनवरी 2018 में दावोस के विश्व आर्थिक मंच से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक वैश्विक नेता के तौर पर भाषण दिया. 52 मिनट के इस संबोधन में उनकी जुबान कई बार फिसली. भारतीय लोकतंत्र की ताकत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के 600 करोड़ मतदाताओं ने 2014 में 30 साल बाद किसी एक राजनीतिक पार्टी को केन्द्र में सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत दिया. जनवरी 2018 में दिए गए इस भाषण कभी उन्होंने दूरियों को खत्म करने की बजाय दुनिया खत्म करने की बात की तो कभी ‘भारत की आजादी को 17 साल हो गए’ कह गए.
इससे भी ज्यादा मजेदार बात उन्होंने जनवरी 2022 में एक और मजेदार बात कही. प्रजापति ब्रह्मकुमारी संस्थान में “आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिक भारत की ओर” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने “बेटी बचाओ-बेटी पटाओ अभियान” का जिक्र किया. एक अन्य कार्यक्रम में मोदी “ग्लोबल इंटीग्रेशन” को “गोबर इंटीग्रेशन” कह गए.
मई 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों और जिलों के अधिकारियों को संबोधित किया. बैठक में पीएम ने कहा, “एक एक गांव को कोरोना से बचाना है. इस मंत्र को लेकर आप आगे बढ़ें. तेजी से पॉजीटिव केसों की संख्या बढ़े. इन सभी बातों पर बल देते हुए हम सफलता की दिशा में एक भी प्रयास न छोड़ें.”
इसी साल फरवरी में यूपी में तीसरे चरण के मतदान से पहले गृहमंत्री और भाजपा के दबंग नेता अमित शाह युवाओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, “मैं युवाओं को बताना चाहता हूं कि आप भारतीय जनता पार्टी की सरकार बना दो, इसके बाद जो भी बारहवीं पास करके इंटर में एडमिशन लेगा, उसे बीजेपी सरकार लैपटॉप और स्मार्टफोन देगी. अरे अखिलेश यादव, किसी डराने का काम कर रहे हो भाई.”
खुद हिमंत बिस्वा इसी साल मई में अमित शाह को देश का प्रधानमंत्री और नरेन्द्र मोदी को गृहमंत्री बोल गए थे. बाद में पार्टी को इसकी सफाई देनी पड़ी थी. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर आया. तब कांग्रेसियों ने ट्वीट किया कि हो सकता है यह भविष्य का संकेत हो. जब सर्बानंद सोनोवाल असम के मुख्यमंत्री थी तब सांसद पल्लव लोचन दास कई बार हिमंत को असम का मुख्यमंत्री बता चुके थे. बाद में वह बन भी गए.
इससे पहले मार्च 2021 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा था, अमेरिका ने हम पर 200 साल राज किया है. दरअसल, वे भारत में कोरोना की स्थिति के बारे में बता रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा, जिसने हमें 200 साल गुलाम बनाया था और जिसने दुनिया पर राज किया, वर्तमान में वो संघर्ष कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें बचाने का काम किया है.
सोशल मीडिया पर ये वीडियो क्लिप्स खूब वायरल हुए. लोगों ने चुटकियां भी खूब लीं. लोगों के ट्विटर हैंडल गर्म हो गए. पूर्व नौकरशाहों ने भी इसका भरपूर मजा लिया. पर कांग्रेस ने इन फिसली जुबान से निकली इन बातों को तब ज्यादा तवज्जो नहीं दी. इसके बावजूद नहीं दी कि राहुल गांधी की इन्हीं चूकों पर भाजपा लंबे समय से राजनीति कर रही है. भाजपाई सोशल मीडिया कभी आलू से सोना निकालने के वीडियो को वायरल करती है तो कभी आटे को लिटर में तौलने पर राहुल गांधी का मजाक बनाती है. पर अब कांग्रेस पलटवार के मूड में है.
जब असम के ताजा-ताजा मुख्यमंत्री बने हिमंत बिस्वा ने राहुल गांधी पर टिप्पणी की तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें आईना दिखा दिया. उन्होंने एक-एक कर भाजपा के दिग्गज नेताओं के कई चूकों का उदाहरण दे दिया. पर साथ ही उदारता के साथ यह भी कहा कि जुबान किसी की भी फिसल सकती है. इसे उस व्यक्ति की नीयत या काबीलियत का पैमाना नहीं बनाया जा सकता.