
भिलाई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में बड़ौदा से आए विशेषज्ञ डॉक्टर राजू, डॉक्टर श्याम, एवं ब्रह्माकुमार नरेश भाई के सानिध्य में सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द का निदान शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने अपना सफलतापूर्वक इलाज बिना दवाइयों के निशुल्क करवाया.
दूरदराज क्षेत्रों से प्रातः ही बड़ी संख्या में दर्द से परेशान लोग पहुंच गए थे. जिनका निशुल्क रजिस्ट्रेशन एवं टोकन देकर छोटे-छोटे ग्रुप्स बनाकर सबसे पहले उन्हें सोने की सही विधि उठने की विधि तकिया रखने की विधि करवट लेते समय एवं कोहनी, पेट के बल, पीठ के बल सोने के सही गलत वैज्ञानिक तरीकों के बारे में बताकर सही विधि बताई गई.
माइग्रेन, वर्टिगो, साइटिका, कमरदर्द, घुटना दर्द, कंधों का दर्द एवं सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द को बड़ौदा से पधारे त्रिमूर्ति विशेषज्ञों द्वारा बिना दवाई के सफलतापूर्वक इलाज किया गया. हमारे सोने का बैड तरीका ही हमें विभिन्न प्रकार के दर्द से परेशान करता है. डॉक्टर श्याम ने बताया कि 2000 डिग्री की अग्नि जलती चिता में भी हमारी अस्थियां पूरी तरीके से नहीं जलती है.
हमारे घुटने घिस जाते हैं, हमारे शरीर के ग्राउंड फ्लोर के तलवों पर असर नहीं होता है लेकिन फर्स्टफ्लोर के घुटने घिस जाते हैं. थोड़े से नियमित एक्सरसाइज से 2 महीने में हमारा घिसा हुआ घुटना नया बन जाता है. घुटना रिप्लेसमेंट से आर्टिफिशियल, आर्टिफिशियल ही होता है ओरिजिनल नहीं.
हमारी हड्डियां प्लास्टर ऑफ पेरिस से नहीं बल्कि स्वतः ही जुड़ती है, प्लास्टर ऑफ पेरिस का लेप उसे स्थिर रखता है, क्योंकि शरीर का अपना नेचुरल प्रोसेस है (हीलिंग) इलाज का. पंजों की एक्सरसाइज, गर्दन की एक्सरसाइज, घुटनों की एक्सरसाइज सभी को डेमोंसट्रेशन देकर बताया गया.
आपने उदाहरण के द्वारा बताया कि हाथी धरती का सबसे बड़ा और भारी प्राणी है उसको कभी घुटनों का दर्द नहीं होता ना ही किसी प्रकार की शरीर में दर्द होता है क्योंकि वह घास और पत्ते खाता है वह शाकाहारी होता है. आपने हड्डियों की मजबूती के लिए एक कटोरे पानी में रोज रात को सोने से पूर्व दो चम्मच तिल के तेल का सेवन करने को कहा जिससे हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती है एवं हमें दर्द से छुटकारा मिलता है.
आजकल दैनिक जीवन में आरामदायक फोम एवं रबर के गद्दों में सोने से भी कई प्रकार के दर्द आ रहे हैं. जिसमें उपयोग केमिकल से बेडसोल होता है. इसीलिए हमें रूई के पतले गद्दों का इस्तेमाल करना चाहिए. त्रिमूर्ति डॉक्टर ने सुबह से ही अथक होकर बड़ी संख्या में आये सभी का बिना दवाइयों के सफल इलाज किया. तुरंत दर्द से राहत पाने वाले, ठीक हुए लोगों ने अपने अनुभव साझा किए. कहा – आए थे दर्द से, जा रहे हैं मुस्कुराते हुए, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है.
साथ ही साथ परिसर में लगी हुई प्रदर्शनी में भी सभी को जीवन में दुआओं का विशेष महत्व, ख़ुशी जैसी खुराक नहीं होती है यह भी बताया जा रहा है. इस जोड़ों के दर्द का निदान शिविर को एक दिन और आगे बढ़ाया गया है, ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सके. यह शिविर कल भी सुबह 9:00 से 5:00 बजे तक सबके लिए निशुल्क रहेगा.