
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 99वें एपिसोड को संबोधित किया. इस कार्यक्रम के जरिए हर महीने प्रधानमंत्री देश वासियों से संवाद करते हैं. 3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी के अवसर प्रधानमंत्री मोदी ने ये कार्यक्रम शुरू किया था. आखिरी मन की बात कार्यक्रम 26 फरवरी को प्रसारित हुआ था. पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में ऑर्गन डोनेशन पर चर्चा की. पीएम ने ऑर्गन डोनेट करने वाले लोगों के परिवार से बात की. मोदी ने कहा कि अंगदान करने वाले इश्वर के समान हैं.
पीएम मोदी ने कहा, मेरे प्यारे देशवासियों, मन की बात में आप सभी का एक बार फिर बहुत-बहुत स्वागत है. आज इस चर्चा को शुरू करते हुए मन-मस्तिष्क में कितने ही भाव उमड़ रहे हैं. हमारा और आपका मन की बात का ये साथ, अपने निन्यानवें (99वें) पायदान पर आ पहुंचा है.
जहां भारत के जन-जन के मन की बात हो, वहाँ की प्रेरणा ही कुछ और होती है. मन की बात के 100वें एपिसोड के लिए प्रधानमंत्री को आपके सुझावों का बेसब्री से इंतजार है. मेरे प्यारे देशवासियो, मन की बात में हमने ऐसे हजारों लोगों की चर्चा की है, जो दूसरों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं.
कई लोग ऐसे होते हैं जो बेटियों की शिक्षा के लिए अपनी पूरी पेंशन लगा देते हैं, कोई अपने पूरे जीवन की कमाई पर्यावरण और जीव-सेवा के लिए समर्पित कर देता है. हमारे देश में परमार्थ को इतना ऊपर रखा गया है कि दूसरों के सुख के लिए, लोग, अपना सर्वस्व दान देने में भी संकोच नहीं करते, इसलिए तो हमें बचपन से शिवि और दधीचि जैसे देह-दानियों की गाथाएं सुनाई जाती हैं.
पीएम मोदी ने कहा, साथियों, आधुनिक मेडिकल साइंस के इस दौर में ऑर्गन डोनेशन, किसी को जीवन देने का एक बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है. कहते हैं, जब एक व्यक्ति मृत्यु के बाद अपना शरीर दान करता है तो उससे 8 से 9 लोगों को एक नया जीवन मिलने की संभावना बनती है. संतोष की बात है कि आज देश में ऑर्गन डोनेशन के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है साल 2013 में, हमारे देश में ऑर्गन डोनेशन के 5 हजार से भी कम केस थे, लेकिन 2022 में, ये संख्या बढ़कर, 15 हजार से ज्यादा हो गई है. ऑर्गन डोनेशन करने वाले व्यक्तियों ने, उनके परिवार ने, वाकई, बहुत पुण्य का काम किया है.