
भिलाई- हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में पिछले लगभग एक साल में घुटना प्रत्यारोपण की छठवीं सर्जरी सफलता पूर्वक की गई. बेड पर ही फिजियोथेरेपी की सुविधा मिलने से सभी मरीजों की रिकवरी भी अच्छी हुई है और वे अब सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं. यह जानकारी हाइटेक के अस्थि रोग शल्य चिकित्सक डॉ.दीपक कुमार सिन्हा ने दी है.
उन्होंने बताया कि हाल ही में 57 वर्षीय एक व्यक्ति का बायां घुटना बदला गया. ग्राम मेडेसरा निवासी शंकरलाल निर्मलकर पिछले काफी अर्से से घुटनों की तकलीफों से जूझ रहा था. घुटने मोड़ने या उसपर वजन डालने में भी तकलीफ होती थी. जोड़ पूरी तरह से घिस कर खराब हो चुके थे. ऐसे मामलों में घुटने के जोड़ को बदल दिया जाता है. इसे नी आर्थोप्लास्टी कहते हैं. ऐसी स्थिति ऑस्टियोआर्थराइटिस, रयूमेटाइड आर्थराइटिस या घुटने के गंभीर रूप से जख्मी होने के कारण बन सकती है.
उन्होंने बताया कि मरीज का पूरा इलाज ईएसआईसी के तहत किया गया. 3 मार्च को उसे भर्ती किया गया. 7 मार्च को उसका आपरेशन कर दिया गया. दो दिन बाद ही उसकी फिजियोथेरेपी शुरू कर दी गई. 16 मार्च को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. अब वह अपने पैरों पर चल फिर सकता है. सोमवार को जब वह चेकअप के लिए आया तो काफी खुश था.
डॉ सिन्हा ने बताया कि टोटल नी रीप्लेसमेंट का हाइटेक हॉस्पिटल में यह छठवां केस है. इससे पहले एक 65 वर्षीय महिला के दोनों घुटनों की साथ-साथ सर्जरी कर उनके घुटने बदल दिये गये थे. ये सभी मरीज अब सामान्य दर्द रहित जीवन बिता रहे हैं.