
पोर्न के मकड़जाल में नेता-अफसर सभी शामिल
आधुनिक जीवन शैली और लोगों के रातोंरात मालामाल होने की हवस देश में अपराधों के नित नए-नए तरीकों को जन्म दे रही है. पिछले कुछ सालों से अपराध जगत में साईबर क्राईम के क्षेत्र में सेक्सटॉर्शन पश्चिम से आयातित शैतानी अपराध का एक ऐसा संजाल है, जो न सिर्फ भारत में तेजी से फैल रहा है बल्कि इस मामले में दुनिया की राजधानी भी बनती जा रहा है. हर हाथ में स्मार्टफोन और इंटरनेट आ जाने से वन विकसित छत्तीसगढ़ में भी सेक्सटॉर्शन की घुटपैठ सरकार, पुलिस और समाज के लिए चिंता और चुनौती बन गई है. साईबर ठग और ब्लैकमेलर ऑनलाइन यौन गतिविधियों के जरिए अपरिपक्व युवतियों और युवाओं से लेकर राजनीति और व्यवसाय से जुड़े लोगों को ब्लैकमेलिंग का शिकार बना रहा हैं. सेक्सटॉर्शन और इसके कानून को लेकर आम लोगों मे जागरूकता की कमी और साइबर तंत्र के विकसित नहीं होने का फायदा अपराधियों को मिल रहा है. महानगर से कस्बों और गांव-गांव तक इंटरनेट और स्मार्टफोन की पहुंच ने उनके काम को बहुत आसान बना दिया है. सोशल मीडिया नेटवर्क के माध्यम से साइबर अपराध गिरोह के शिकार होने वालों में ज्यादातर स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों से लेकर पोर्न एडिक्ट युवा, ब्यूरोक्रेटस, बिजनेसमैन, पालिटिशियंस, उद्योगपति, ठेकेदार आदि सभी शामिल हैं.
बोरी आत्महत्या केस के बाद हुई पहली गिरफ्तारी
मेवात में बैठकर चलाते थे पूरे देश में रैकेट
इनपर पांच राज्यों में दर्ज हैं 83 मामले
बच्चों को ट्रेनिंग देते थे सेक्सटॉर्शनिस्ट
छत्तीसगढ़ भी सेक्सटॉर्शन के मकड़जाल में उलझ गया है. दुर्ग जिले के बोरी थानांतर्गत दीपक देवांगन ने सेक्सटॉर्शन से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में बोरी पुलिस ने मुख्य आरोपी को हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार कर लिया. देश भर में अब तक तीन ऐसे रैकेटों का पर्दाफाश किया जा चुका है. सेक्सटॉर्शन के जरिए अब तक गिरोह करोड़ों रुपयों की वसूली कर चुके हैं. यह भी पता चला है कि गिरोह के लोग छात्रों को भर्ती करते थे और उन्हें सेक्सटॉर्शन की ट्रेनिंग देते थे. अब तक जितने भी पीड़ितों के मामले सामने आए हैं उनमें नेता, उद्योगपति, डाक्टर, इंजीनियर से लेकर विद्यार्थी और व्यापारी भी शामिल हैं.
बोरी में दीपक देवांगन की आत्महत्या के बाद सुसाइड नोट मिला था. इसके आधार पर बोरी पुलिस ने धारा 306, 384, 34 भादवि, 67, 67 (क) आईटी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू की. कॉल डिटेल्स से सामने आया कि उसे कोई युवती अंतरंग अश्लील तस्वीरें वायरल करने की धमकी दे रही थी. गहन पड़ताल के बाद पुलिस के हाथ आरोपी के गिरहबान तक जा पहुंचे. आरोपी वकील अहमद हरियाणा के मेवात में बैठकर सेक्सटॉर्शन रैकेट को ऑपरेट कर रहा था. पुलिस उसे गिरफ्तार कर दुर्ग ले आई. उसके दो साथी जहीर अब्बास और अजहरूद्दीन फिलहाल फरार हैं. गिरोह के खिलाफ पांच राज्यों में दर्ज 83 मामले अब तक सामने आए हैं जिनमें करोड़ों रुपए की उगाही की गई है. इनमें से पांच मामले तेलंगाना के हैं जिनसे कुल 17.48 रुपए की उगाही की गई है. इस मामले में पुलिस ने मोबाइल सेट के आईएमईआई नम्बर को सर्विलांस पर लिया क्योंकि आरोपी बार-बार सिम बदल रहा था.
910 शिकार, 3 करोड़ की वसूली
वकील अहमद ने पुलिस को बताया कि उनका गिरोह दो साल से सक्रिय है. वे अब तक 910 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. आरोपियों ने पीड़ितों से अब तक 3 करोड़ रुपए की वसूली की है. पूछताछ के दौरान आरोपी ने यह भी बताया कि बच्चों को भी सेक्सटॉर्शन की ट्रेनिंग दी जा रही थी. गौरतलब है कि आरोपियों के खिलाफ 476 मामले सायबर पोर्टल में दर्ज हैं, जिनमें से अकेले दुर्ग जिले में 40 मामले हैं.
देश भर से सामने आ रहे मामले
राजस्थान में सेक्सटॉर्शन के प्रतिदिन औसतन 10 मामले सामने आ रहे हैं. इनमें 12 साल से लेकर 80 साल तक की उम्र के लोग शामिल हैं. 2021 में मुंबई में सत्तारुढ़ शिवसेना के एक विधायक को भी सायबर बदमाश मोहम्मद खान ने सेक्सटॉर्शन के जरिए ब्लैकमेल करने की कोशिश की. भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर और राजस्थान के मंत्री रामलाल जाट को भी ब्लैकमेल किया गया. इस मामले में भरतपुर के सायबर अपराधी रवीन खान और वारिस खान को गिरफ्तार किया गया. तब तक वे सेक्सटॉर्शन से 20 लाख से अधिक की उगाही कर चुके थे.
गुजरात के पूर्व कैबिनेट मंत्री को आरोपियों ने हनीट्रैप में फंसाया. अक्टूबर 2020 में एक युवती ने उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा. एक्सेप्ट होने के बाद चैटिंग शुरू हुई फिर फोन नम्बर भी शेयर कर लिया गया. एक दिन युवती ने उनसे पूछा कि क्या वे अकेले हैं. जवाब हां में मिलने के बाद उसने कॉल काटकर वीडियो कॉल लगाया. इसमे वह पूरी तरह निर्वस्त्र थी. वीडियो चैट खत्म होने के बाद उसने पूर्व मंत्री को इसकी रिकार्डिंग भेजी और इसे वायरल करने की धमकी देकर ढाई लाख रुपए की मांग की. पूर्व मंत्री ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और आरोपियों के खातों को पुलिस की मदद से डीएक्टिवेट करवा दिया. बाद में पता चला कि वह कोई युवती नहीं बल्कि एक नकली अवतार थी. इसके अलावा एक 80 वर्षीय कृषि सहकारी नेता भी इसी तरह हनी ट्रैप का शिकार हो गये. इस मामले में साइबर अपराधी हकीमुद्दीन और उसके तीन रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया गया था. हकीमुद्दीन ने इसे अपना पारिवारिक व्यवसाय बताया था.
इसी तरह नेहा शर्मा नाम के छद्म प्रोफाइल के साथ चैट करना बैंगलुरु के एमबीए छात्र अविनाश के दर्दनाक अंत का कारण बन गया. अंतत: उसने खुदकुशी कर ली.
प्रतिदिन ढाई हजार साइबर हमले
देश में प्रतिदिन सेक्सटॉर्शन के 500 से अधिक मामले दर्ज हो रहे हैं जबकि ऐसे मामलों में 0.5 फीसद लोग ही एफआईआर दर्ज कराते हैं. एनसीआरबी डेटा के मुताबिक 2020 में साइबर क्राइम के मामलों में 12 फीसदी की उछाल देखी गई. 2021 में लॉकडाउन ने इस रफ्तार को कई गुना तेज कर दिया. सारा दिन ऑनलाइन रहने वालों ने इस दौरान सभी तरह के साइट्स को ब्राउज किया और मुसीबतें मोल ले ली. इंडियन कम्प्यूटर एनर्जी रेस्पांस टीम के मुताबिक साइबर हमलों में 600 गुना की वृद्धि हुई है. प्रतिदिन लगभग 2244 साइबर हमले किये जाते हैं जिसका मतलब हर सेकंड कोई एक डिवाइस हैक हो रही होती है.इसमें अपराध करने वाले अधिकांश लोगों की उम्र 16 से 25 साल के बीच है. लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन रहने वालों की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है. दिन भर ऑनलाइन रहने वाले लोग किसी भी समय साइबर हमले का शिकार हो सकते हैं. हमलावर उनके बैंक डिटेल्स या अन्य गोपनी डेटा चुरा सकता है.
सेक्सटॉर्शन में कानूनी उपचार
सेक्सटॉर्शन की सूचना स्थानीय पुलिस या साइबर सेल को दी जा सकती है. इसकी शिकायत ऑनलाइन या ऑफलाइन की जा सकती है. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 80 के तहत पुलिस बिना वारंट के संदिग्धों की जांच, तलाशी और गिरफ्तारी कर सकती है. पुलिस द्वारा यदि जूरिस्डिक्शन के नाम पर रिपोर्ट नहीं लिखी जाती तो कमिश्नर या न्यायिक मजिस्ट्रेट से अपील कर सकते हैं. आप गृह मंत्रालय से भी आनलाइन शिकायत कर सकते हैं. आप गुमनाम शिकायत भी कर सकते हैं. अपराध सिद्ध होने पर तीन साल का सश्रम कारावस या 5 लाख रुपए जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती है. दोबारा अपराध करने पर पांच साल की जेल और 10 लाख रुपए जुर्माना किया जा सकता है. पुलिस का कहना है कि ईमेल और सोशल मीडिया नेटवर्क के माध्यम से होने वाले सायबर अपराधों में अपराधी बच नहीं सकते हैं. आपको सिर्फ इतना करना है कि इससे संबंधित चैट हिस्ट्री, कॉल लॉग या ईमेल को डिलीट नहीं करना है.
क्या है सेक्सटॉर्शन
पहले इसे हनी ट्रैपिंग कहा जाता था जिसमें कोई खूबसूरत युवती प्रभावशाली और मालदार पुरुषों को फांसती थी. इसके बाद इस अवैध संबंध के आधार पर उसे ब्लैकमेल कर उससे गोपनीय दस्तावेज, जानकारियां हासिल की जाती थीं या फिर सीधे सीधे रकम की मांग की जाती थी. हर हाथ में स्मार्टफोन और इंटरनेट की बढ़ती स्पीड ने इसे नए आयाम दिये हैं. सेक्स और एक्सटॉर्शन को मिलाकर एक नया शब्द गढ़ लिया गया है सेक्सटॉर्शन. इसके स्वरूप में भी विस्तार हुआ है. अब अपराध करने वाले के लिए किसी को शिकार के साथ हमबिस्तर होने की जरूरत नहीं है. अश्लील वीडियो चैट की रिकॉर्डिंग, मॉर्फ किए गए स्क्रीनशॉट से भी वही काम हो जाता है. इसके अलावा डिजिटल तकनीक से फोटो या वीडियो को एडिट करके भी काम चलाया जा सकता है.
डीपफेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर किसी भी तस्वीर या वीडियो में भाग ले रहे लोगों की अदला-बदली विश्वसनीय तरीके से की जा सकती है. इसका इफेक्ट इतना अच्छा होता है कि पीड़ित स्वयं दंग रह जाता है. अधिकांश सेलेब्रिटी इसका शिकार होते हैं. पोर्न साइट्स का धंधा चमकाने के लिए इन फेक फोटोज और वीडियोज का इस्तेमाल किया जाता है. अब इसकी चपेट में विद्यार्थी, घरेलू लोगों के साथ ही प्रतिष्ठित धनाढ्य लोग आ रहे हैं. ये सभी अपनी इज्जत बचाने के लिए चुपचाप मांगी गई रकम दे देते हैं. एक बार रकम मिलने के बाद बार-बार रकम की मांग की जाती है. जब रकम देना मुश्किल हो जाता है तब या तो वे पुलिस के पास जाते हैं या फिर स्वयं अपराध कर बैठते हैं. कुछ लोग आत्महत्या भी कर लेते हैं.
डीप न्यूड ऐप इससे एडवांस तकनीक है जो कुछ ही सेकंड में किसी महिला को नग्न बनाकर प्रस्तुत कर देता है. प्रसिद्ध भारतीय महिला पत्रकार राणा अय्यूब का बनाया इसी तरह का फर्जी वीडियो सामने आया था. वीडियो में उसका नंबर फ्लैश किया गया था जिसके कारण उसे ट्रोल होना पड़ा. इसी तरह ऐश्वर्या राय, कैटरीना कैफ, एंजलीना जोली व एम्मा वाटसन जैसी कई बड़ी हस्तियां के पोर्न वीडियो पोर्न वेबसाइट्स पर उपलब्ध हैं.
सोशल मीडिया के बढ़ते चलन ने सेक्सटॉर्शन रैकेट का काम आसान कर दिया है. ऑनलाइन बातचीत और एसएमएस के माध्यम से सेक्सटॉर्शनिस्ट पहले अपने टारगेट के साथ करीबी संबंध बनाते हैं. एक बार विश्वास कायम हो जाने के बाद वे उनसे नग्न तस्वीरों या वीडियो की मांग करते हैं. फिर वे उन तस्वीरों का उपयोग ब्लैकमेलिंग के लिए करते हैं. सेक्सटॉर्शनिस्ट अपने शिकार को विकृत कामी फिल्म बनाने के लिए भी मजबूर करते हैं. इस अपराध में सबसे बुरी बात यह है कि यदि पीड़िता कोई महिला है, तो वह आसानी से रिपोर्ट लिखवाने को तैयार नहीं होती. शर्म और अपमान के डर से वह चुप रहती है. पीड़िता के चुप रहने से अपराधी के हौसले और बुलंद हो जाते हैं.
सेक्सटार्शन की चपेट में आने वाले अधिकांश लोग या तो भोले भाले होते हैं या फिर पोर्न साइट के गुलाम. इसके अलावा अति उत्साही प्रेमी प्रेमिका या युवा जोड़े भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. ऐसे लोग आम तौर पर अपनी निजी तस्वीरें एक दूसरे के साथ शेयर करते हैं. एक बार सेक्सटॉर्शनिस्ट की पहुंच इन तस्वीरों या वीडिया तक बन गई तो फिर शुरू हो जाता है ब्लैकमेलिंग का एक लंबा सिलसिला. ऐसे लोग चुपचाप प्रताड़ना को झेलते चले जाते हैं और फिर जब पानी सिर से ऊपर चला जाता है तो आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेते हैं.
निजी या अंतरंग तस्वीरें, टेक्स्ट मैसेज या वीडियो को पीड़ित को लौटाने या फिर उसे नष्ट करने के ऐवज में मोटी रकम की मांग की जाती है. यदि इतनी बड़ी रकम देने में पीड़िता सक्षम नहीं होती तो उससे सेक्सुअल फेवर्स मांगे जाते हैं. सरकारी अधिकारी परमिट या लायसेंस के बदले में भी यौन एहसानकी मांग कर सकते हैं. इंटरव्यू लेने वाला नौकरी या प्रमोशन देने या शिक्षक परीक्षा में पास करने हम बिस्तर होने की मांग करता है. पहले इस तरह के मामले सिर्फ बॉलीवुड में होते थे जिसे कास्टिंग काउच कहा जाता था. इस तरह सेक्सटॉर्शन के जरिए भ्रष्टाचारियों ने भ्रष्टाचार के एक और अल्ट्रामॉडर्न तरीका ईजाद कर लिया है, जिसका शिकार हर वर्ग के लोग हो रहे हैं और सायबर अपराध नियंत्रण सेल की अक्षमता का फायदा आपराधिक गिरोह उठा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर बरतें सावधानी
ब्लैकमेलिंग के इस ऑनलाइन अपराध के बारे में लोगों को कम जानकारी होने और शर्मिंदगी की वजह से लोग सायबर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं. सायबर पुलिस के मुताबिक सायबर ठग ऐसे लोगों को शिकार बनाते हैं, जिन्होंने हाल के दिनों में कभी न कभी पोर्न वेबसाइट देखी हो. वहीं से ठग उनकी ई-मेल और अन्य जानकारियां चुरा लेते हैं. फिर विभिन्न सोशल मीडिया वेबसाइट के माध्यम से उन्हें फंसाने के लिए संपर्क किया जाता है. सेक्सटार्शन के महज 25 फीसदी मामले ही पुलिस के पास पहुंच पाते हैं. चूंकि मामले पीड़ित की सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़े होते हैं, इसलिए कई लोग ऐसे होते हैं, जो चुपचाप ठगों के खाते में रकम जमा कर देते हैं. ऐसे मामले पुलिस के पास नहीं पहुंचते क्योंकि अधिकांश पीड़ितों को लगता है कि ऐसा करने से उनकी पहचान सार्वजनिक हो जाएगी और फिर थाने से लेकर अदालत तक उनकी बेईज्जती होगी. अपराधियों के बच निकलने का एक अन्य कारण एसटीएफ और सायबर थानों में पुख्ता तंत्र व कुशल स्टाफ का नहीं होना भी है.
ऐसे करें बचाव
सेक्सटार्शन से बचने के लिए एहतियात बरतना जरुरी है. फोन, टैबलेट या कंप्यूटर द्वारा किसी और को अंतरंग तस्वीरें, वीडियो या यौन सामग्री भेजने से बचें. जब कोई आपसे अंतरंग छवियोंं या वीडियो मांगता है तो इंकार कर दें. किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अंतरंग वाइस या वीडियो चैट न करें जिसे आप व्यक्तिगत रुप से नहीं जानते. अपने सभी सोशल मीडिया खातों को निजी पर सेट करें. अनजान प्रेषकों से प्राप्त अटैचमेंट न खोलें. जब उपयोग में न हो तो अपने इलेक्ट्रिनिक उपकरणों को ऑफलाइन कर दें. भयादोहन का शिकार न हों. किसी भी रकम का भुगतान न करें. सायबर पुलिस/वकील से बात करें. किसी करीबी से सलाह लें. इसके पहले आप अपराधी के साथ सभी संचार काट दें पर घटना से संबंधित कोई भी जानकारी – चैट, टेक्सड, व्हाट्सअप या वीडियो मैसेजअपने डिवाइस से न हटाएं. इस तरह की सावधानी, सुरक्षा और कानूनी कार्रवाई से ही आने वाली मुसीबत से खुद को बचा सकते हैं.
इन राज्यों से जुड़े तार
सेक्टॉर्शन के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस राजस्थान, एमपी, यूपी तथा हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है. इन राज्यों में बड़ी संख्या में सेक्सटार्शन के मामले हुए हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरोह से जुड़ी पूरी जानकारी केंद्र सरकार के आई 4 सी सेंटर से शेयर की है. इस सेंटर में देश भर से साइबरएक्सपर्ट,ऑफिसर्स जुड़े हुए हैं. आई 4 सी सेंटर के ग्रुप पर ठग के मोबाइल नंबर और खास तौैर पर आईएमईआई नंबर शेयर किया जाता है.
14 मार्च को बोरी थाना अंतर्गत सामने आए सेक्सटॉर्शन के मामले में वकील अहमद को गिरफ्तार किया गया. सेशनकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दी कि ऐसे मामले पूरे देश में सामने आ रहे हैं अत: कोई रियायत नहीं दी जा सकती. वकील के खिलाफ तेलंगाना पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज कर जानकारी भेजी है. हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने भी आरोपी के खिलाफ 4 एफआईआर की जानकारी साझा की है.आरोप हैं कि वकील अहमद ने तेलंगाना में पांच पीड़ितों के साथ सेक्सटार्शन के जरिए 17.48 लाख रुपए ऐंठे. बोरी पुलिस के मुताबिक यह एक गिरोह है जिसमें जहीर अब्बास और अजहरुद्दीन भी शामिल है. इनके खिलाफ 5 राज्यों में 83 एफआईआर दर्ज हैं.
इंदौर में धरे गए दो सेक्सटॉर्शन गुरू
मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने सेक्सटॉर्शन गैंग को ट्रेनिंग और सिम उपलब्ध कराने वाले गिरोह को पकड़ा है. ये लोग नशेड़ियों के दस्तावेज पर सिम इश्यू करवाते और फिर उनका इस्तेमाल सेक्सटॉर्शन के लिए करते. शिवपुरी से पकड़े गए ये दोनों आरोपी गूगल एक्सपर्ट बताए जा रहे हैं.ये सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने और एप से ठगी करने में गैंग की टेक्निकल मदद करते थे और युवाओं को प्रशिक्षित भी करते थे. यह गैंग सोशल मीडिया पर लड़कियों की फोटो लगाकर फर्जी आईडी बनाकर लोगों को फांसते थे. उन्हें वीडियो में उलझाकर अश्लील हरकत करते थे और उसकी रिकार्डिंग कर लेते थे.
कैंसर की तरह पूरे देश में फैला
राजस्थान व हरियाणा में मेवात, भरतपुर और अलवर आदि शहर सेक्सटॉर्शन के सायबर क्राईम को पूरे देश में फैला रहे हैं. स्कूल छोड़ने वाले किशोर बच्चे सहज ही उनके झांसे में आ जाते हैं जो शातिर मास्टरमाइंड बनकर सेक्सटार्शन रैकेट चलाते हैं. ये अपराधीकई देशों में फैले हुए हैं औैर लाखों-करोड़ों कमा रहे हैं. इनके जाल में पुलिस अधिकारी, राजनेता, डॉक्टर, इंजीनियर,व्यवसायी आदि सभी फंस रहे हैं. भारत में जो रोजाना 5 सौ सेे अधिक मामले होते हैं उनमें से 0.5 प्रतिशत से भी कम मामले एफआईआर के रुप में पंजीकृत होते हैं.
छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित सेक्स सीडी काण्ड
छत्तीसगढ़ के एक कद्दावर मंत्री की भी एक सीडी कुछ साल पहले चर्चा में आई थी. इस सीडी को कुछ लोगों ने कूटरचित बताया था तो किसी किसी ने वीडियो में दिखाई देने वाले व्यक्ति को मंत्री मानने से ही इंकार कर दिया था. उनका मानना था कि यह पुरुष कोई और है जो किसी किसी एंगल से मंत्री जैसा दिखता है. बहरहाल वह सीडी भी खूब चली थी और व्हाट्सअप पर वायरल हो गई थी. इससे पहले एक कद्दावर महिला नेत्री का विवादित वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह स्नान करती दिखाई दे रही थी.