
कभी तंग अनाम गलियों के लॉज में होने वाले सारे धंधे अब पॉश होटलों तक पहुंच गए हैं. ऑनलाइन होटल रूम बुकिंग ऐप OYO ने इसे बेहद आसान बना दिया है. देश के किसी भी कोने से देश भर में कहीं भी रूम बुक किया जा सकता है. इन कमरों का उपयोग जिस्मफरोशी से लेकर आपराधिक बैठकों तक के लिए किया जा सकता है. पुलिस की धमक अब इन पॉश होटलों में भी सुनी जा सकती है. होटल में ठहरे मेहमानों के साथ ही होटल मालिक और मैनेजर भी हिरासत में लिए जा चुके हैं. लाशें और भ्रूण तक बरामद की जा चुकी हैं. ऐसे गेस्ट्स का पता लगाना और फिर उनके तक पहुंचना पुलिस के लिए अच्छा खासा सिरदर्द साबित हो रहा है.
“ऑन यॉर ओन” OYO याने अपने दम पर या अपनी इच्छा से. OYO ऐप से बुक करने के कई फायदे हैं. पहले जहां होटल ढूंढने में टैक्सी, ऑटो या रिक्शा वालों की मदद लेनी पड़ती थी वहीं अब इसे देश के किसी भी कोने से ऑनलाइन किया जा सकता है. होटलों के चक्कर लगाने और कहीं भी देख लिये जाने का झंझट खत्म. ऑनलाइन बुक करने पर भारी डिस्काउंट भी मिलता है. इसका भुगतान ऑनलाइन भी किया जा सकता है और होटल पहुंचने के बाद भी. गेस्ट कौन है और उसके साथ कौन लोग हैं, वह किस प्रयोजन से आए हैं, इसे लेकर होटल वाले ज्यादा सिर नहीं खपाते.
ओयो होटेल्स एंड होम्स की स्थापना 2012 में रितेश अग्रवाल ने की थी. आरंभ में यह बजट होटल में कमरा बुक करने के काम आता था पर 2020 तक इसका कारोबार काफी फैल गया और 43000 प्रापर्टीज इसकी सूची में दर्ज हो गई. इसमें फ्रेंचाइजी होटल, स्वतंत्र आवास और कमरे भी मिलने लगे. इसका जाल 80 देशों के 800 से ज्यादा शहरों में फैला हुआ है. इन देशों में भारत के अलावा अमेरिका, यूके, जापान, मलेशिया, यूएई, नेपाल, चीन, ब्राजील, मेक्सिको, फिलीपीन्स, सऊदी अरब, श्रीलंका, इंडोनेशिया तथा वियतनाम तक शामिल हैं.
क्या कहते हैं नियम
अवयस्क अपने नाम पर कमरा बुक नहीं कर सकते. वयस्कों को कमरा बुक करने के लिए अपनी आईडी देनी पड़ती है. इसमें आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट जैसे दस्तावेज हो सकते हैं. पैन कार्ड मान्य नहीं है. कमरा स्वयं के लिए बुक किया जा सकता है और क्लायंट के लिए भी. कमरे में जाने वाले प्रत्येक गेस्ट से होटल का डेस्क आईडी की मांग कर सकता है. इसका रिकार्ड रखना होटल की जिम्मेदारी है.
होटल इंडस्ट्री का देवदूत
होटल इंडस्ट्री ने मंदी के दौर में भारी घाटा उठाया है. कोविड काल में तो उसका धंधा ही चौपट हो गया. बड़े-बड़े होटल बिक गए. ऐसे समय में ओयो ने देवदूत बनकर उनकी मदद की. देश भर के क्लायंट्स से न केवल उसके तार जोड़े बल्कि बुकिंग भी करवा दी. इसमें शॉर्ट स्टे क्लायंट्स की बहुत बड़ी संख्या थी. इसी के आधार पर उसने होटलों से भारी डिस्काउंट भी लिया. होटल वाले खुश थे कि भागते भूत की लंगोट ही सही.
बड़े होटलों के नए क्लायंट
चिड़ीमार टाइप के लोग पहले इन होटलों में जाने से डरते थे. मूंछवाले दरबान को देखकर ही उनकी सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती थी, रिसेप्शन तक पहुंचना भी मुश्किल होता था. ओयो ने यह काम आसान कर दिया. लोग अपने आसपास के 50 किलोमीटर के भीतर के दायरे के दूसरे शहरों में रूम बुक करवाकर वहां अय्याशी करने लगे. शाम को आते और सुबह रूम खाली कर देते. रूम सर्विस में भी अच्छी खासी कमाई होने लगी. दूसरे टाइप के क्लायंट्स में जरायमपेशा लोग आते हैं. ऐसे लोगों पर अपने शहर में पुलिस की नजर होती है. लॉज वाले तो मुखबिरी भी कर देते हैं. ऐसे लोगों के लिए ओयो वरदान साबित हुआ है.
इनकी हो गई चांदी
ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स और एस्कॉर्ट सर्विस के नाम से जिस्मफरोशी का नेटवर्क चलाने वालों की तो चांदी हो गई. टिंडर, बम्बल, ओकेक्यूपिड, हैप्पन, हिंज, ट्रूलीमैडली, वू, बड़ू जैसे ऐप्स के जरिए ग्राहक सेट करने के बाद अब ओयो पर रूम भी बुक करने की सर्विसेस शुरू कर दी गई है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ एस्कॉर्ट सर्विस, छत्तीसगढ़ एस्कॉर्ट्स, रायपुर एस्कॉर्ट्स, छत्तीसगढ़ कॉल गर्ल्स, छत्तीसगढ़ इंडिपेंडेंट एस्कॉर्ट्स सर्विसेज का काम भी बहुत आसान हो गया है. इन सर्विसेस के वेबसाइट एड्रेस के नाम तो और भी रंगीन हैं. बल्कि यूं कहें कि ओयो की सफलता का राज यही ऐप हैं तो गलत नहीं होगा.
जिस्मफरोशी हुआ लीगल
दो वयस्कों के बीच यौन संबंधों के खिलाफ देश में कोई कानून नहीं है फिर चाहे उनके बीच का रिश्ता कुछ भी क्यों न हो. पहले रुपयों के बदले सेक्स को अपराध माना जाता था पर सुप्रीम कोर्ट की हालिया व्याख्या ने इसे भी एक पेशा माना है. सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्कर्स के अधिकारों की सुरक्षा के लिए पुलिस को भी विशेष हिदायतें दी हैं. अलबत्ता सेक्स रैकेट का संचालन करना, चकलाघर चलाना, किसी को सेक्सवर्क के लिए मजबूर करना अब भी जुर्म है. ऑनलाइन डेटिंग साइट्स और एस्कॉर्ट सर्विसेस का काम इससे कुछ और आसान हो गया है.
भिलाई में ओयो होटल
ओयो होम बुक करने के लिए किसी की मदद की जरूरत नहीं. सीधे नेट पर जाएं ओयो होम्स तलाशें, लॉग इन करें, पसंद का शहर चुनें, होटलों की फैसिलिटी देखें, कीमत देखें और बुक करें. इसके साथ जुड़ गई हैं जोमैटो और स्विगी जैसी सेवाएं जो ग्राहकों को भोजन के साथ शराब और कंडोम्स तक सप्लाई रही हैं. इसका लाभ कामकाजी और अवयस्क विद्यार्थी तो उठा ही रहे हैं, जरायमपेशा लोग भी उठा रहे हैं. इस अपसंस्कृति का सबसे बुरा प्रभाव भिलाई में देखा जा रहा है. भिलाई को छत्तीसगढ़ की शिक्षाधानी भी कहा जाता है. यहां प्रदेश के कोने-कोने से विद्यार्थी तो आते ही हैं अन्य प्रदेशों के विद्यार्थियों का भी आना जाना है. पर शहर में ओयो रूम बुक कराने वाले अधिकांश युवा आसपास के शहरों से हैं. इससे पुलिस की नींद उड़ी हुई है कि न जाने कब कौन सी वारदात हो जाए.
भिलाई के इन होटलों में उपलब्ध है ओयो रूम्स – होटल जुमानजी, होटल मनोज, द लैंडमार्क होटल, होटल रेनबो, होटल सूर्या पैलेस, होटल कुणाल, होटल प्रज्ञा-2, होटल कृष-2, होटल प्रज्ञा, होटल लैंडमार्क-3, होटल महेन्द्रा ग्रीन्स, होटल सिटी टावर इन्न, होटल सेन्टर पाइंट, होटल श्री साय, मिश्रा गेस्ट हाउस, होटल आर्किड रीजेन्सी, होटल आदित्य, होटल वत्स इन्न, होटल आशीष पार्क, होटल कुणाल-2, होटल कैम्बियन, होटल राजपुताना, होटल सम्राट, होटल किंग्स फोर्ट, होटल न्यू गौरी, इंद्रप्रस्थ होटल, होटल तुली, लैंडमार्क -2, होटल तनिष्क, सौभाग्य मंगलम, लैंडमार्क-4, निखिल रीजेन्सी, होटल पंजाब, ईगन इन्न, होटल कृष, शांति वाटिका, होटल जयश्री, जुमानजी-2, टाउनहाउस ओक होटल एमपी इन्न, वन वनोदन रिसॉर्ट, होटल सुविधा, होटल
डॉलफिन, होटल प्रिंस.
ओयो की सर्विस
ओयो टाउनहाउस- पास पड़ोस का होटल, ओयो होम – स्वतंत्र अवास, ओयो वैकेशन होम, सिल्वर की-कारपोरेट्स की आवश्यकताओं के लिए, कैपिटल-ओ-होटल बुकिंग, पैलेट – रिसार्ट, कलेक्शन-ओ- बिजनेस ट्रैवलर्स, ओयो लाइफ- लंबी अवधि के लिए, यो! हेल्प, ओयो 360- इसके जरिए आप अपने आवास को ओयो में लिस्ट कर सकते हैं. कुछ होटलों के नाम के आगे स्पॉट वन लिखा होता है। इस वर्ग के होटल सबसे सस्ते होते हैं जिसमें एसी और नॉन एसी कमरे उपलब्ध होते हैं. भिलाई में सबसे ज्यादा मांग इन्हीं होटलों की है.
पुलिस को अपसंस्कृति का भय
पुलिस के आला अधिकारियों का मानना है कि ओयो कल्चर पर जल्द अंकुश नहीं लगाया तो अपसंस्कृति तेजी से पैर पसार लेगी. जो कुछ नोएडा के ओयो रूम्स और होटल में हो रहा है, वह भिलाई जैसे शांत शहर में भी होने लगेगा. अभी भी मामले सामने आ रहे हैं पर हम युवाओं के भविष्य को देखते हुए कार्यवाही को सार्वजनिक नहीं करते. दो-तीन घंटे के लिए कमरा बुक करने वालों से किसी अच्छे प्रयोजन की तो उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए. सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि इस शहर में बड़ी संख्या में विद्यार्थी अकेले रहते हैं. ओयो इन युवाओं के लिए अपने शौक पूरे करना का जरिया बन सकता है. ऐसी हरकतें देर-सबेर गंभीर अपराधों का कारण बन जाते हैं.
ओयो की बदमाशियां
ओयो पर व्यवसायिक आचरण को भंग करने के आरोप लगते रहे हैं. ओयो पर अपने ही समझौतों पर अमल नहीं करने, होटलों का भुगतान टालने या रोक देने के आरोप लगते रहे हैं. 2019 में ओयो ने अपने क्लायंट्स का रियल टाइम डेटा सरकार के साथ साझा करने की योजना बनाई थी जिसे निजता के हनन के आरोपों का सामना करना पड़ा. ओयो पर जॉस्टेल्स के साथ धोखाधड़ी का मामला सुप्रीम कोर्ट में आर्बिट्रेशन के लिए पहुंचा जहां उसे मुंह की खानी पड़ी. एक मामले में उसने दूसरो होटल ग्रुप्स के कर्मचारियों को अपने यहां काम करने का अवैध प्रस्ताव तक दे दिया था. ओयो ने कई बार सूचीबद्ध होटलों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है और पूरी राशि का भुगतान करने से इंकार किया है.
ओयो अपने यहां सूचीबद्ध होटलों की लिस्ट को अपडेट नहीं करता. कई बार ऐसे होटलों की बुकिंग कर लोग फंस गए हैं जिनका ओयो से अनुबंध समाप्त हो चुका है. ओयो की सूची पर ऐसे भी होटल्स और रूम्स हैं जिनका कहीं अस्तित्व नहीं है. ऐसे कमरे बुक करके लोग फंस जाते हैं. ओयो रूम्स के नाम पर जिन मकानों को भाड़े पर दिया जा रहा है उनका कोई होटल लाइसेंस नहीं है. वे पुलिस की सूची में नहीं हैं और न ही उनका कोई वेरीफिकेशन हुआ है. कब कौन सा नया घर इसकी सूची में चढ़ जाता है, इसका पता लगाना मुश्किल है. इन कमरों का क्या और कैसा उपयोग हो रहा है, यह भी संदिग्ध है.
गैरजरूरी
नोएडा हुआ बेहाल
नोएडा के सेक्टर 117 स्थित ओयो होटल से जनवरी 2022 को एक उद्योगपति की लाश बरामद की गई. उसे हनीट्रैप में फंसाकर यहां बुलाया गया था. गिरोह का सरगना और दो महिलाएं उसकी कार समेत सभी सामान लेकर फरार हो गए. पुलिस ने मई में इस मामले का खुलासा किया.
इसी साल 7 मई को ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 क्षेत्र के ओयो होटल का उपयोग क्राइम के लिए किया गया. दिल्ली जल निगम के एक अधिकारी को फंसाकर महिला उसे यहां लेकर आई. उसके साथ सेक्स वीडियो बनाया और फिर उसे ब्लैकमेल करने लगी. 13 लाख में सौदा भी पट गया. 2 लाख 85 हजार देकर प्रार्थी वहां से भागा और सीधे पुलिस के पास जा पहुंचा.
20 मई को नोएडा के ही थाना फेज-3 के सेक्टर 71 के एक ओयो होटल के एक कमरे में रखे डस्टबिन से पुलिस ने 4 माह का भ्रूण बरामद किया. कमरा बुक करने वाली लड़की दिल्ली में नौकरी करती है. उसके साथ एक युवक भी था. पुलिस पता लगा रही है कि क्या होटल का उपयोग अबॉर्शन के लिए किया गया?
इससे पहले फरवरी 2022 में फरीदाबाद के बड़खल स्थित सासाराम ओयो होटल में पुलिस ने छापेमारी की. यहां चकलाघर चलाया जा रहा था. होटल मालिक समेत 14 लड़कियों और 20 ग्राहकों को गिरफ्तार किया गया. अधिकांश लड़कियां यूपी और बिहार की हैं.
इसी साल 21 अप्रैल को नोएडा के सेक्टर 63 स्थित छिजारसी चौक के ओयो होटल में दो युवतियों का शराब पिलाकर बलात्कार किया गया. उन्हें इंटरव्यू के बहाने बुलाया गया था.
25 मार्च 2022 को 22 वर्षीय एक बीटेक छात्रा ने नोएडा के ही एक ओयो होटल का कमरा बुक कराकर आत्महत्या कर ली.