
रायपुर : फरवरी में स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम आने वाली है, उनके आने के पहले नगर निगम ने तैयारियां तेज कर दी हैं. इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में कचरा निष्पादन को प्रमुख तरजीह दी गई है. इस पर निगम ने लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई भी शुरू कर दी है.
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार 2022 में 7,500 अंकों में फेरबदल करते हुए केंद्रीय टीम ने वर्ष 2023 के लिए इसे 9,500 अंकों का कर दिया है. नगर निगम द्वारा आम नागरिकों के घरों से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग लेने के अभियान के तहत शुक्रवार को कचरा लेने में लापरवाही करने पर तीन ड्राइवरों और तीन हेल्परों की सेवाएं समाप्त कर दीं, वहीं कचरा अलग-अलग नहीं देने वालों पर भी जुर्माना वसूली की कार्रवाई तेज कर दी गई है.
लापरवाही करने पर नागरिकों को भी लगेगा जुर्माना
निगम क्षेत्र के सभी 10 जोन के 754 नागरिकों द्वारा गीला और सूखा कचरा अलग-अलग नहीं देने पर 1 लाख 7500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. निगम के अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया कि निगमा आयुक्त मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर ड्राइवर अश्वनी कुमार पुराणिक, जितेंद्र बघेल और हिमांशु उइके तथा हेल्पर टिकेश्वर, भोलाराम यादव तथा राजेश मारकंडे को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. ये लोग आम नागरिकों के घरों से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग लेने के कार्य में लगातार लापरवाही बरत रहे थे. समझाइश के बाद भी नहीं मानने पर इनके खिलाफ कार्रवाई की गई. गीला और सूखा कचरा अलग-अलग कर देने हेतु आम नागरिकों से भी लगातार अपील की जा रही है. साथ ही अब ऐसा नहीं करने पर जुर्माने की भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
6वें स्थान से फिसलकर 11वें पायदान पर
नगर निगम रायपुर ने वर्ष 2021 में छठवां स्थान हासिल किया है, वहीं 2022 में 11वें पायदान पर पहुंच गया. इसमें कचरा कलेक्शन से लेकर निष्पादन और गीले-सूखे कचरे का अलग नहीं होना प्रमुख वजह बताई गई. केंद्रीय टीम की नजर इस बार भी इसी मुद्दे पर रहेगी. वर्ष 2023 की रैकिंग में 4,500 से अधिक अंक इसी श्रेणी में रखी गई है.