
विवान द्वारा निर्मित कलाकृतियों की चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन
भिलाई- पांच वर्षीय बाल चित्रकार विवान चतुर्वेदी द्वारा निर्मित कलाकृतियों की चित्र प्रदर्शनी मैत्री कुंज में लगाई गयी. प्रदर्शनी का उद्घाटन समाजसेवी एस. के. अग्रवाल ने माँ सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस अवसर पर विवान चतुर्वेदी को अपनी शुभकामनायें देते हुए अग्रवाल ने कहा कि इन चित्रों में एक अलग तरह की गति एवं छवि दिखाई देती है जो आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है. उद्घाटन समारोह में अंतर्राष्ट्रीय चित्रकार महेश चतुर्वेदी एवं उनकी धर्मपत्नी कुसुम चतुर्वेदी ने विवान की कलाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी और बताया कि समकालीन रचना संसार में विवान की दस्तक कई आयामों के द्वार खोलेगा.
उन्होंने शंकर पेंटिंग दिल्ली की चर्चा करते हुए कहा कि भिलाई में कला के प्रति सोच वैश्विक है. वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार शिवनाथ शुक्ल ने विवान चतुर्वेदी की कला-प्रतिभा की तारीफ करते हुए कहा कि विवान की कलाकृतियों में भविष्य के सपने हैं और उर्ध्वगामी सोच है. यही एक उभरते कलाकार की पहचान है. श्री शुक्ल ने विवान को भविष्य का सुनहरा चितेरा बताया. वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ. ए दत्ता ने कहा कि विवान की स्केच लाइनें ध्यान आकर्षित करती हैं, इसकी प्रकृति खूबसूरत है. वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रमाकांत दानी ने कहा कि विवान की कलाकृतियां सहज ही लुभाती हैं. खासकर कलर कॉम्बिनेशन और पिक्चराइजेशन की कला बेमिसाल है. भिलाई इस्पात संयंत्र के भूतपूर्व डीजीएम एम. शंकर ने विवान के चित्रों की यह कहकर तारीफ की कि इन चित्रों में नेचुरल ब्यूटी बहुत अच्छी है. इस तरह के चित्र बड़े कलाकार बनाते हैं. वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ एल. आर. सतपुते ने अपनी समीक्षा दृष्टि से चित्रों को देखते हुए कहा कि चित्रों में जो पॉइंट लगाए गए हैं वे अलग ही विवरण प्रस्तुत करते हैं. मेकॉन के भूतपूर्व अधिकारी अविनाश सिपहा, अन्तरा दत्ता, गीता गोयल, डॉ प्रीती दानी, आर. रेशू ने भी विवान के चित्रों अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. ज्ञात हो कि भावना-नैवेद्य चतुर्वेदी के सुपुत्र विवान वर्तमान में गुड़गांव में प्री प्राइमरी में अध्ययन कर रहे हैं. बहुत छोटी अवस्था में चित्रों के प्रति उनका लगाव हो गया. वैसे चित्रकला उन्हें विरासत में मिली. उनके दादा महेश चतुर्वेदी मशहूर चित्रकार हैं जिनकी पेंटिंग्स देश-दुनिया में सराही गयी हैं.