
नई दिल्ली : 6 साल पहले 2016 में देश में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए लिया गया नोटबंदी का फैसला आज सही करार दिया गया है. आज सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को लेकर अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बताया कि सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी का फैसला एकदम सही था. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के कदम की पुष्टि की है. कोर्ट ने कहा कि सरकार के पास अधिकार है कि बैंक नोट से सम्बन्धी फ़ैसला ले सकती है. जस्टिस गवई ने कहा कि नोटबंदी को लेकर सरकार का फैसला एकदम सही था.
बता दें कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 58 याचिकाएं दायर की गई थीं. इसमें जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ नोटबंदी पर फैसला सुनाया है. फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना, जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन, और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना शामिल रहे.
58 याचिकाएं हुई थीं दायर
बता दें कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे देश और देश की जनता के लिए एक बड़ा ऐलान किया था. केंद्र सरकार ने अचानक से देश के 500 और 1000 रुपए के नोट को बंद करने का फैसला लिया था. इसके बाद 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे के बाद देश में 500 और 1000 रुपए के नोट अमान्य हो गए थे और बैंकों में इन्हें वापस करने के लिए लंबी-लंबी लाइनों को लगा देखा था.
याचिकार्ताओं ने रखी थी ये अपील
याचिकाकर्ताओं का दावा है कि सरकार द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया में भारी खामियां थीं और इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए. इस प्रक्रिया ने इस देश के कानून के शासन का मजाक बना दिया. केवल आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर ही सरकार नोटबंदी कर सकती है. लेकिन यहां प्रक्रिया को ही उलट दिया गया. केंद्र ने फैसला लेने के दौरान अहम दस्तावेजों को रोक दिया, जिसमें सरकार द्वारा आरबीआई को 7 नवंबर को लिखा गया पत्र और आरबीआई बोर्ड की बैठक के मिनट्स शामिल हैं.