
संस्कारित संतान प्राप्ति के लिए पुसंवन संस्कार जरूरी- जितेंद्र सोनी
उतई/दुर्ग- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशन पर 8 अप्रैल से 22 अप्रैल तक देशभर में पोषण पखवाड़ा का सातवाँ संस्करण मनाया जा मनाया गया. इस वर्ष मातृ एवं शिशु पोषण, लाभार्थियों के लिए डिजिटल पहुँच और बचपन में मोटापे से निपटने पर केंद्रित थीम पर पोषण संबंधी कल्याण को बढ़ाने के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित हुए. इसी कार्यक्रम के तहत दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कातरो में पोषण पखवाड़ा के समापन के अवसर पर ग्राम सरपंच जितेंद्र सोनाली सोनी व महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग के मार्गदर्शन एवं गायत्री प्रज्ञापीठ कोड़िया व हनोदा के सहयोग से ग्राम की 11 गर्भवती महिलाओं का पुंसवन संस्कार एवं 7 बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार वैदिक कर्मकांड व तीन कुंडीय गायत्री महायज्ञ के माध्यम से सम्पन्न कराया गया.
ग्राम सरपंच जितेंद्र सोनी ने कहा हमारे सनातन संस्कृति में जीवन के हर प्रमुख पड़ावों पर विशेष संस्कार सम्पन्न कराए जाते हैं किंतु संस्कारवान समाज की नींव खड़ा करने में गर्भाधान, पुंसवन एवं सीमन्तोन्नयन संस्कार का विशेष महत्व है. राम, कृष्ण, विवेकानंद जैसे संतान की प्राप्ति के लिए ये संस्कार जरूरी हैं. सरपंच सोनी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा अपने ग्राम पंचायत को आदर्श बनाने के लिए युगदृष्टा श्रीराम शर्मा आचार्य के प्रेरणा से गायत्री परिवार द्वारा आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी कार्यक्रम चलाई जाती है जिसका शुरुआत आज कातरो में भी हो गया है और यह आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने निवेदन करते हुए कहा एक बच्चे के दिमाग का विकास जब वह माँ के गर्भ में रहता हैं तभी से होना शुरू हो जाता हैं. गर्भ के दौरान माँ जिस वातावरण में रहती है, जैसे विचार करती हैं, जो अन्न वो ग्रहण करती हैं, वैसे ही आचरण बच्चों में भी पाया जाता हैं. इसलिए गर्भधारण करने से पहले ही हर माँ को एक श्रेष्ठ वातारण व श्रेष्ठ विचारों के साथ जीवन जीना चाहिए.
आंगनबाड़ी सुपरवाइजर सोनल सोनी ने पोषण पखवाड़ा के बारे में चर्चा करते हुए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं व छोटे बच्चों के विकास के लिए आहार से संबंधित जानकारी दी व इस संस्कार के कार्यक्रम को हमेशा संचालित करने की बात कहीं.
यज्ञ कर्मकांड सम्पन्न कराने में यज्ञाचार्य गीतांजली साहू, यामिनी चंद्राकर, गीतांजली साहू, लीसा, योगिता, हेमन्त साहू, मुकेश, तरुण का विशेष भूमिका निभाई.
इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुषमा साहू, गोमती साहू के साथ उपसरपंच पुष्पा कृष्णा साहू, पंच सरिता साहू, गायत्री देवांगन, शशि साहू, सरोज बाई साहू,आंगनबाड़ी सहायिका पुष्पा बारले, पुष्पा क्षत्रिय, मितानिन मुन्नी देवांगन, लता साहू, बिरम साहू, कमलेश्वरी गजपाल, धर्मिन साहू, परमा पटेल, आरती साहू एवं ग्रामीण महिलाओं का विशेष योगदान रहा.