
मुख्यमंत्री साय ने ‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ के प्रतीक चिन्ह का किया विमोचन
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज विधानसभा के समिति कक्ष में प्रदेश की आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से ‘‘बस्तर पंडुम – 2025’’ के प्रतीक चिन्ह का विमोचन किया.
इस आयोजन के माध्यम से बस्तर संभाग की समृद्ध लोककला, रीति-रिवाज, पारंपरिक जीवनशैली और सांस्कृतिक विरासत को संजोने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. यह महोत्सव न केवल बस्तर के प्रतिभाशाली कलाकारों को बेहतर मंच प्रदान करेगा, बल्कि उनकी कला को नई पहचान और प्रोत्साहन भी देगा.
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री द्वय अरुण साव, विजय शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम, केदार कश्यप, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह विधायक लता उसेंडी, विधायक विनायक गोयल उपस्थित रहे.
इस आयोजन में 7 प्रमुख विधाओं जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य, वाद्ययंत्र, वेशभूषा एवं आभूषण, शिल्प-चित्रकला और जनजातीय व्यंजन-पेय पदार्थों पर आधारित प्रतियोगिताएं होंगी. ये स्पर्धाएं क्रमशः जनपद, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित की जाएंगी.
प्रतियोगिता का पहला चरण 12 से 20 मार्च तक जनपद स्तर पर होगा, दूसरा चरण 21 से 23 मार्च तक जिला स्तर पर और अंतिम चरण 1 से 3 अप्रैल तक दंतेवाड़ा में संभाग स्तरीय प्रतियोगिता के रूप में संपन्न होगा. प्रत्येक चरण के विजेताओं को पुरस्कार राशि और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे.
‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ में बस्तर के पारंपरिक नृत्य-गीत, रीति-रिवाज, वेशभूषा, आभूषण और व्यंजन प्रदर्शित किए जाएंगे. प्रतिभागियों को प्रदर्शन के लिए अंक निर्धारित किए गए हैं, जिसमें मौलिकता, पारंपरिकता और प्रस्तुति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. आयोजन में समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा. चयन समिति में प्रशासनिक अधिकारी के अलावा आदिवासी समाज के वरिष्ठ मुखिया, पुजारी और अनुभवी कलाकारों को शामिल किया गया है.