“मुरिया का मान, छत्तीसगढ़ की शान” पंडी राम मंडावी पद्म पुरस्कार के लिए चयनित
रायपुर- छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ जिले नारायणपुर के पंडी राम मंडावी को पद्म पुरस्कार के लिए चुना गया है पंडी राम मंडावी, जो 68 वर्ष के हैं, गोंड मुरिया जनजाति से संबंधित हैं. वे पिछले पांच दशकों से बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि उसे नई पहचान भी दिला रहे हैं. उनकी विशेष पहचान बांस की बस्तर बांसुरी, जिसे ‘सुलुर’ कहा जाता है, के निर्माण में है. इसके अलावा, उन्होंने लकड़ी के पैनलों पर उभरे हुए चित्र, मूर्तियां और अन्य शिल्पकृतियों के माध्यम से अपनी कला को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है. पंडी राम मंडावी को यह कला उन्हें अपने पिता से मिली थी.
सीएम साय ने पंडी राम मंडावी को दी बधाई
सीएम विष्णु देव साय ने आदिवासी कलाकार पंडी राम मंडावी को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने जाने पर बधाई दी है. उन्होनें कहा कि नारायणपुर के गोंड मुरिया जनजातीय के सुप्रसिद्ध कलाकार पंडी राम मंडावी को पद्मश्री सम्मान के लिए चुना जाना छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण है. यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण और लकड़ी की शिल्पकला के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाएगा. उन्होंने बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर अपने अद्वितीय कौशल से इसे नई पहचान दी है. साथ ही, उन्होंने अनेक कारीगरों को प्रशिक्षित कर इस परंपरा को नई पीढ़ियों तक पहुंचाया है.
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आपके सराहनीय कार्यों से समूचा छत्तीसगढ़ गर्व महसूस कर रहा है. मंडावी को पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र बनाने और लकड़ी की शिल्पकला के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जाएगा. वह नारायणपुर के अबूझमाड़ के रहने वाले हैं.
पूर्व सीएम बघेल ने पंडी राम मंडावी को दी बधाई
पूर्व मुख्यमंत्र भूपेश बघेल ने पंडी राम मंडावी को पद्मश्री पुरस्कार मिलने पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि “मुरिया का मान, छत्तीसगढ़ की शान” पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण और लकड़ी की शिल्पकारी के क्षेत्र में आपका योगदान अद्वितीय है. जनजातीय कलाकर पंडी राम मंडावी को पद्मश्री पुरस्कार मिलने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.