विधायक देवेंद्र को गिरफ्तार करने पहुँची पुलिस
कार्यकर्ताओं का भारी विरोध, नारेबाजी और हंगामा
दुर्ग- बलौदाबाजार आगजनी और हिंसा को लेकर मामला गरमाता चला जा रहा हैै. इस मामले को लेकर भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव को एक बार फिर कानूनी पेचीदगियों का सामना करना पड़ रहा है. आज सुबह उनके निवास पर बलौदाबाजार की पुलिस एकाएक दल-बल के साथ पहुंची. बलौदाबाजार के अतिरिक्ति पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के नेतृत्व में भिलाई सेक्टर -5 स्थित उनके निवास में पहुंची और विधायक की गिरफ्तारी के लिए अपनी मंशा साफ कर दी, जिसके बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उबाल आ गया है. देवेंद्र समर्थक बड़ी संख्या में विधायक निवास पहुंच गये हैं और पुलिस और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का बढ़ता हुजूम देखकर बलौदाबाजार पुलिस के होश फाख्ता हो गये हैं. वह पशोपेश में है कि करे तो क्या करे, क्योंकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने सीधे इस मामले में हस्ताक्षेप कर विरोध जता दिया है.
उल्लेखनीय है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले ही कह दिया था कि छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार जो कर रही है उसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगे क्योंकि यह राजनीति और दुर्भावना से प्रेरित मामला है. भूपेश बघेल द्वारा मय तथ्यों के सरकार से बात करने के बाद इस मामले में ट्विस्ट लाकर उन लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है जो इस मामले में रहे ही नहीं. इसीलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने आज देवेंद्र के घर गिरफ्तारी के लिए पहुंची पुलिस टीम से स्पष्ट कहा है कि वे देवेंद्र यादव को लेकर बलौदा बाजार आ जाएंगे. यह शासन-प्रशासन का सरासर अन्याय है कि वह निर्दोंष को फंसाने की कोशिश कर रही है, हम इसे होने नहीं देंगे. इन सब के बीच जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. वह हर स्थिति से निबटने के लिए तैयार है. इस मामले में दुर्ग के पूर्व विधायक अरूण वोरा भी देवेंद्र यादव के घर पहुंच चुके हैं.
वे पुलिस अधिकारियों से वार्तालाप कर रहें है और देवेंद्र यादव के साथ हो रहे अन्याय को लेकर बातचीत कर रहें है. समझा जा रहा है कि इस मामले में उन्होंने शासन और प्रशासन के उच्च अधिकारियों से भी टेलीफोनिक बातचीत की है. इन सब के बीच देवेंद्र यादव का परिवार बेहद तनाव में है. उनके बड़े भ्राता धर्मेंद्र यादव जहां परेशान दिखे हैं वहीं उनकी बुर्जूर्ग माता श्री रो पड़ी हैं, लेकिन देवेंद्र यादव ने परिवार को समझा दिया है कि इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होकर रहेगा. चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. यहां-यह बताना लाजिमी है कि बलौदाबाजार हिंसा का मामला जून के महीने से ही छाया हुआ है. न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि राष्ट्रीय परिदृश्य में भी यह खबर सुखियों में रही है. इस मामले में सैकड़ों लोग परिवादी के रूप में देखे गये हैं. अब तक इस मामले में 173 लोगों से अधिक की गिरफ्तरियां हो चुकी हैं. अनेक लोग अभी भी खोजे जा रहे हैं. जानकारी मिली है कि आधे सैकड़ा से अधिक तो लापता ही हैं. पुलिस जगह-जगह उन्हें खोजने के लिए दबिश दे रही है. उन्हीं में देवेंद्र यादव को भी लपेटे में लिया गया है. सनद् रहे कि इसके पूर्व, विधायक को बलौदाबाजार पुलिस में उपस्थित होने के लिए चार-चार नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन कारणों का हवाला देकर देवेंद्र बचते रहे हैं. उन्होंने यहां तक कहा था कि वे बलौदाबजार नहीं जाएंगे अगर चाहे तो वहां की पुलिस यहां आ जाए. इसी के बाद आज का एपीसोड राजनैतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना है.
विधायक निवास में भिलाई-चरौदा के महापौर निर्मल कोसरे, पूर्व महापौर नीता लोधी, पार्षद एवं एमआईसी लक्ष्मीपति राजू, युवा कांग्रेस के आकाश शर्मा, आदित्य सिंह, सुमित पवांर से लेकर कांग्रेस के छोटे-बड़े अनेक नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता मैदान में डटे हुए हैं, वहीं विधायक देवेंद्र यादव के भ्राता धर्मेंद्र यादव ने गिरफ्तार करने आई पुलिस की कार्यप्रणाली का विरोध करते हुए कहा है कि गांधी जी को भी लोक सेवा के लिए जेल जाना पड़ा था. हम गिरफ्तारी से नहीं डरते और इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे.