रायपुर में आदिवासी बच्चे की पीट-पीट कर हत्या
रायपुर- राजधानी रायपुर में आदिवासी युवक को पीट पीटकर मारने के मामले में पीसीसी चीफ दीपक बैज ने साय सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, बेहद दुर्भाग्यजनक है कि आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी सुरक्षित नहीं है. बस्तर का आदिवासी अब रायपुर में भी सुरक्षित नहीं है. आदिवासी बच्चे को पीट-पीट कर मार डाला जा रहा है. बस्तर के लोहंडीगुड़ा में रहने वाला 21 साल का मासूम बच्चा मंगल मुराया का कसूर क्या था? उसने पढ़ाई करने नया रायपुर के एक निजी कॉलेज में एडमिशन लिया था. उसका सिर्फ इतना ही कसूर था कि वह मासूम आदिवासी था. उसने बड़ी मासूमियत से रास्ता पूछा था, लिफ्ट मांगा था उसको सरेआम गाड़ी में बैठा कर ले जाया गया पीट-पीट कर मार डाला गया. हत्यारों ने उसका एटीएम कार्ड छिन लिया पिन मांग रहे थे वह गरीब का बच्चा पिन नहीं बताया तो मार डाला. क्या यही है कानून का राज जहां पर रास्ता पूछने पर एक कॉलेज के छात्र को मार डाला गया. उस बच्चे के आदिवासी मां-बाप ने अपने बच्चे को पढ़ाने का सपना देखा था. उन्हें क्या पता था छत्तीसगढ़ में कानून का नहीं जंगल राज चल रहा है. उसका बच्चा पढ़ लिख कर अपना कैरियर नहीं बना पायेगा, भाजपा के राज में उसकी लाश घर वापस आयेगी. पुलिस निष्क्रिय और निकम्मी बन गयी है. राज्य में एसपी कलेक्टर कार्यालय जलाये जा रहे, मॉब लीचिंग हो रही, थाने में चाकूबाजी हो रही सरकार सुशासन का राग अलाप रही.
मुख्यमंत्री को समझ ही नहीं आ रहा कि करना क्या है? अनुभवहीन गृहमंत्री दिग्भ्रमित है. कानून का राज कौन स्थापित करेगा? 6 माह में ही प्रदेश की जनता को यह लगने लगा है कि राज्य में कोई सरकार है ही नहीं है? आज सुबह ही राजधानी के एक हत्या और हो गया. होटल में बलात्कार कर हत्या कर दी गयी. साय सरकार के राज में महिलाओं के प्रति अपराधों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गयी है.
6 माह में राज्य में 300 से अधिक बलात्कार, 80 सामूहिक बलात्कार, 200 से अधिक हत्यायें. चाकूबाजी, लूट, डकैती, चेन स्नेचिंग की अनगिनत घटनाएं हो चुकी है. राजधानी में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि अपराधी बिना किसी वाहन के पैदल चल कर चैन खींच कर भाग जाते है. राजधानी में थाने में चाकू मार दिया जाता है पुलिस असहाय हो गयी है. नक्सलवादी घटनायें 6 माह में बढ़ गयी.
महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोतरी हो गयी, पोटाकेबिन में बच्ची की जलकर मौत, अबोध बच्ची मां बनी, नारायणपुर में मासूम बच्चियों से स्कूल में छेड़खानी. बलात्कार, सामूहिक बलात्कार की घटनायें बढ़ गयी. लूट, अपराध, डकैती, चाकूबाजी की घटनायें बढ़ गयी. अपराध और अपराधी बेलगाम हो चुके है.
भाजपा के राज में आम आदमी और आदिवासी अपने को असहाय महसूस कर रहा है. कहने को तो प्रदेश का मुखिया आदिवासी है लेकिन वह आदिवासियों को ही सुरक्षित नहीं रख पा रहा. आदिवासी समाज अपने को ठगा महसूस कर रहा है.