पटवारी से आरआई से सहायक अधीक्षक और अधीक्षक एक ही जिले में पदोन्नति पाकर सालों से जमे
भिलाई- राजस्व विभाग शासन का सबसे महत्वपूर्ण विभाग होने के साथ इसका कार्य सीधे सीधे आम जनता से जुड़ा होता है. परंतु पिछले कुछ सालों से राजस्व विभाग में कुछ ठीक नहीं चल रहा है. राज्य में तीन साल में स्थानांतरण करने की नीति है पर जिले में 10-10 वर्ष से पटवारी से राजस्व निरीक्षक से सहायक अधीक्षक और अधीक्षक के पद पर पदोन्नति मिलने के बाद एक ही जिले में जमे हुए हैं. इससे यहां सरकारी विभागों में अधिकारी या कर्मचारी के अधिकतम तीन साल तक एक स्थान पर रहकर काम करने के नियमों का उल्लंघन हो रहा है. अगर इन सहायक अधीक्षकों का स्थानांतरण होता भी है तो दुर्ग जिले के आस-पास जिले में ही होता है जैसे राजनांदगांव और बेमेतरा में ही होता है. शासन ने इनका स्थानांतरण तो किया था परंतु यह हाईकोर्ट से स्टे लेकर अपना स्थानांतरण रुकवाकर दुर्ग जिले में ही पदस्थ होते है. मिली जानकारी के अनुसार जिले में कई कर्मचारी तो वर्ष 2016 से अभी तक एक ही जिले पर जमे हुए हैं. जैसे-
अजीत कुमार चौबे दुर्ग जिले में सहायक अधीक्षक के पद पर 18 जनवरी 2016 से पदस्थ थे फिर पदोन्नती के पश्चात 5 दिसंबर 2023 को दुर्ग जिले में अधीक्षक के रूप में पदस्थ हुए. चूंकि पिछले 08 सालों से दुर्ग जिले में ही पदस्थ है.
आलोक शुक्ला दुर्ग जिले में पटवारी रहते हुए पदोन्नती के बाद दुर्ग जिलें में ही राजस्व निरीक्षक (नजूल शाखा) रहें. 27.07.2020 से इसी जिले में सहायक अधीक्षक के पद पर पदस्थ रहे. लगभग 10 साल से अधिक इसी जिले में कार्यरत है.
शंकर प्रसाद तिवारी दुर्ग जिले में पटवारी रहते हुए पदोन्नती होने के बाद राजस्व निरीक्षक बनते है फिर सहायक अधीक्षक बनने के लिए बेमेतरा स्थानांतरण होता है. फिर एक साल बाद दुर्ग जिले में ही वापस आ जाते है. 27.07.2020 से पदस्थ है और पिछले चार सालों से दुर्ग जिले में ही पदस्थ है.
श्यामलाल साहू दुर्ग जिले में 21. 07. 2020 सहायक अधीक्षक है चूंकि यह भी पिछले 4 सालों से दुर्ग जिले में पदस्थ है.
इसी प्रकार कुंदनलाल शर्मा दुर्ग में राजस्व निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे. फिर इनका पदोन्नति नायब तहसीलदार के पद पर अहिवारा में पदस्थ हुआ. कई सालो से दुर्ग जिले में ही पदस्थ हैं.