साहित्यकार बक्शी की 130 वीं जयंती पर दिग्विजय महाविद्यालय परिवार ने साहित्यकारों के साथ किया नमन
राजनांदगांव – हिन्दी साहित्याकार के जगमगाते नक्षत्र एवं द्विवेद्वी युगीन साहित्य मनीषि पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की 130 वीं जयंती पर दिग्विजय महाविद्यालय परिवार द्वारा उन्हें कृतज्ञता पूर्वक स्मरण किया गया और उन्हें नगर के साहित्यकारों के साथ श्रद्धा के पुष्प अर्पित कर बख्शी के व्यक्तित्व व कृतत्व पर चर्चा की गई। दिग्विजय महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्या डॉ. अंजना ठाकुर, हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर मुनि राय, डॉ. बी.एन. जागृत, नगर के वरिष्ठ साहित्यकार एवं छ.ग. राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक- आत्माराम कोशा ‘अमात्य’, रजिस्ट्रार दीपक परगनिया, डॉ. संतोष कुमार उइके, अमलेन्दू हाजरा, पूर्व पार्षद मोहन लाला देबू, डॉ. प्रवीण कुमार साहू, द्विवेन्द्र भोला बख्शी, नागेश श्रीवास्तव आदि जनों ने दिग्विजय कालेज समीप त्रिवेणी परिसर स्थित डॉ. पदुम लाल पुन्नालाल बख्शी की आवक्ष प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया और हिन्दी जगत को दिए गए उनके अमूल्य अवदान विस्तृत चर्चा की।
दिग्विजय कालेज गौरवान्वित
महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्या डॉ अंजना ठाकुर ने इस अवसर पर कहा साहित्यकार हमारे मार्ग दर्शक होते है। बख्शी जी इस संस्था के प्राध्यापक रहे यह हमारे लिए गौरव की बात है। हमारा कालेज भी इससे गौरवान्वित है। हिन्दी विभागाध्यक्ष- डॉ. शंकरमुनि राय ने कहा कि हिन्दी साहित्य के दैदीप्यमान नक्षत्र और सरस्वती पत्रिका के संपादक रहे बख्शी जी को याद करना अपने पुरखों को याद करना जैसा है। नगर के वरिष्ठ कवि/ साहित्यकार एवं पत्रकार आत्माराम कोशा ‘अमात्य’ ने कहा कि छत्तीसगढिय़ा परिवेश व छत्तीसगढ़ी जीवन जीने वाले मूर्धन्य साहित्यकार बख्शी जी ने छत्तीसगढ़ की आत्मा का काफी निकट पहचाना था। उनके लिखे सह-लेख छत्तीसगढ़ की आत्मा से प्रभावित होकर सुप्रसिद्ध लोक सांस्कृतिक संस्था चन्दैनी गोदा के संचालक / रंग कर्मी डॉ. रामचन्द्र देशमुख ने ‘कारी’ नामक नाटक का सृजन किया और उसकी सैकड़ों प्रस्तुति देकर जन-जन का मन मोह लिया था। रंगकर्मी द्विवेन्द्र भोला बख्शी ने अपने पूज्य दादाजी को 130 वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर याद किया।
इस अवसर पर कायस्थ समाज द्वारा बख्शी जी पर सायकाल साहित्यिक गोष्ठी व संस्मरण समारोह का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख रूप से बख्शी जी की नातिन डॉ. नलिनी श्रीवास्तव, संस्कृत के आचार्य महेश चन्द्र शर्मा, डॉ. जीवन यदु ‘राही’, डॉ. दादू लाल जोशी, प्रो. के.के. द्विवेदी, कुबेर साहू, अशोक चौधरी, डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा, राकेश इन्दूभूषण ठाकुर , ओमप्रकाश साहू “अंकुर” सहित बड़ी संख्या में कवि/ साहित्यकार व पुष्पांजलि कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार की बसंती देशलहरे, आरती बोरकर, पदमा आदि स्टॉफ के लोगों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता अमलेंदू हाजरा ने किया।