सुशील आनंद शुक्ला ने राधिका खेड़ा को भेजा मानहानि का नोटिस
रायपुर- छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का राधिका खेड़ा विवाद मामले में बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने राधिका खेरा को मानहानि का नोटिस भेजा है. नोटिस में शुक्ला के वकील संदीप दुबे ने कहा है कि मेरे मुवक्किल (सुशील आंनद शुक्ला) एक समाज के अत्यंत प्रतिष्ठित व्यक्ति है, साथ ही साथ अधिवक्ता के रूप में कार्य किए उसके पश्चात भाड़ा नियंत्रक सदस्य जज के रूप में कार्य किए है. मेरे पक्षकार समाज में बहुत ही प्रतिष्ठित व्यक्ति है, और ब्राह्मण समाज में भी सामाजिक रूप से जुड़े हुए है. यह कि आपके द्वारा 06/05/2024 को प्रेस वार्ता के दौरान मेरे पक्षकार के विरूद्ध बहुत ही अपमान जनक शब्द कहने एवं सार्वजनिक रूप से प्रेस वार्ता कर न्यूज पेपर एवं टीवी चैनल्स के माध्यम से अपमानित किया. आपके द्वारा मेरे पक्षकार के विरूद्ध झूठा कथन करते हुए कहा गया कि “जब राहुल गांधी जी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा चल रही थी तो वहां के जो मीडिया चेयरमेन थे छत्तीसगढ़ के सुशील आनंद शुक्ला उनका में नाम सुशील तो कहना शोभा नहीं देता. दुशील ही कहेंगे उन्हें.
तब भी उन्होंने राहुल गांधी की यात्रा के दौरान शराब आफर करी उनके साथ उनके एक साथी थे धनंजय सिंह ठाकुर और कांग्रेस के दो लड़किया काम करती थी मीडिया डिपार्टमेंट के वो मेरे साथ थी उनके सामने में हुआ. लगातार मुझे रात को कमरे में कोरबा में थे जब हम यात्रा का वेट कर रहे थे जब मुझे लगातार फोन करके सामने भी आके आपको कौन सी शराब चाहिये हम आपके कमरे में शराब पहुंचाने का काम करेंगे और शराब पीके 5 से 6 प्रवक्ताओं के साथ मीडिया चेयरमेन आके मेरे कमरे में खटखटाते थे. पुनः आपके द्वारा मेरे पक्षकार के विरूद्ध झुठा आरोप लगाते हुए कहा गया कि 30 तारिख के शाम 6 बजे के आस पास की ये घटना है जब में सुशील आनंद शुक्ला जी से बात करने गयी तब उन्होंने मुझे से बद्तमीजि करनी शुरू कर दी. गंदी गंदी गालिया देना शुरू की और ऐसी-ऐसी गांलिया जिनका में सोचा नहीं था कि ऐसे शब्द हो सकते है दुनिया में और लगातार गंदी गंदी चीज बोलने लग गये और चिल्लाने लग गये. जबकि वास्तविकता में ऐसा कुछ कभी हुआ ही नही था, आपके द्वारा असत्य भ्रामक और मनगढ़ंत कहानी बनाकर मेरे पक्षकार की प्रतिष्ठा को धुमिल करने का प्रयास किया गया, मेरे पक्षकार के द्वारा आपको कभी भी शराब के सेवन के लिए कभी भी नहीं कहा और ना ही मेरे पक्षकार ने आपके रूम का दरवाजा खटखटाया. मेरे पक्षकार को तो इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि आप रूके कहां पर थे. बावजूद इसके आपके द्वारा महिला अस्मिता से जोड़कर मेरे पक्षकार की छवि खराब करने की कोशिश किया.